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शिक्षक दिवस : याद किए गए डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन व ज्योति राव फूले, सांस्कृतिक कार्यक्रम सह कवि सम्मेलन का आयोजन,

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शिक्षक दिवस : याद किए गए डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन व ज्योति राव फूले,

सांस्कृतिक कार्यक्रम सह कवि सम्मेलन का आयोजन,

हमारे जीवन का सबसे बड़ा धन है शिक्षा : सत्य नारायण,

भारत पूरे विश्व में शिक्षा का सबसे बड़ा और प्रसिद्ध केंद्र रहा है : डॉ. विनोद,

 हवेली खड़गपुर।

“शिक्षा ही हमारे जीवन का सबसे बड़ा धन है।” उक्त बातें उद्घाटनकर्ता प्रखंड विकास पदाधिकारी सत्य नारायण पंडित ने कही। वे नगर के पूरव अजीमगंज स्थिति पीसीएमबी क्लासेस के सभागार में शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम सह कवि सम्मेलन में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा से ही विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास संभव है। सभी के जीवन में शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण अंग है। हम सभी को अपने व अपने बच्चों के जीवन में शिक्षा के महत्व को समझना चाहिए।

 कार्यक्रम का उद्घाटन प्रखंड विकास पदाधिकारी सत्य नारायण पंडित, मुख्य अतिथि हरि सिंह महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफ़सर डॉ. विनोद कुमार,

सेवानिवृत्त शिक्षक विष्णु देव प्रसाद, चेंबर ऑफ कॉमर्स के शाखा अध्यक्ष संजीव कुमार व अपात चेयरमैन अशोक कुमार साह, पीसीएमबी क्लासेस की निर्देशिका चंद्रमुखी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। तत्पश्चात अतिथियों ने पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन एवं शिक्षा को बढ़ावा देने वाले ज्योति राव फूले की तस्वीर पर पुष्पांजलि कर श्रद्धांजलि दी और उन्हें याद किया। 

मुख्य अतिथि प्रोफेसर डॉ. वनोद कुमार

ने कहा कि शिक्षा और संस्कृति की अपनी परंपराओं के कारण भारत  विश्व गुरु कहलाया। भारत देश प्राचीन काल से ही शिक्षा और शिक्षण कार्य को पवित्र मानता है। भारत में गुरु का स्थान सर्वोपरि माना जाता है। जब विश्व के अन्य देश शिक्षा जैसी चीजों से अनभिज्ञ थे, उस वक्त हमारा देश ज्ञान के सागर में गोते लगा रहा था। भारत पूरे विश्व में शिक्षा का सबसे बड़ा और प्रसिद्ध केंद्र रहा है। गणित शास्त्र, सैन्य शिक्षा, ज्योतिष शास्त्र, भूगोल शिक्षा, विज्ञान के साथ ही अन्य विषयों की शिक्षा देने में भारतीय विश्वविद्यालयों का कोई सानी नहीं था। इन विश्वविद्यालयों में देश ही नहीं विदेशों से भी छात्र अध्ययन करने आते थे।

कार्यक्रम का शुभारंभ “इतनी शक्ति हमें देना दाता…. प्रार्थना से हुआ। अतिथियों का स्वागत पीसीएमबी क्लासेस के संचालक डॉ. सुरेश कुमार व निदेशिका चंद्रमुखी ने बुके  व अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया। इसके अलावा उन्होंने स्थानीय प्राइवेट स्कूल के प्राचार्यों व पत्रकारों को भी सम्मानित किया। स्वागत गान ‘मन की वीणा से गुंजित… हेना, माही, सिमरन, खुशनमा, आशिया ने प्रस्तुत की। सार्थक, शिवांशु, श्रेयस, राहुल राज, अंशु राज, मोहम्मद अली, कृष्णा के ‘गलती से मिस्टेक….. रिकॉर्डिंग डांस कर दर्शक खूब झूमे। राखी के नित्य ‘नाच मेरी रानी…. पर दर्शकों ने खूब तालियां बजाई। श्रेयस, शशांक, निशांत, शिवानी, राहुल राज व कृष्णानंद ने ‘पढ़ना क्यों जरूरी है’, संदेश पर आधारित लघु नाटक की प्रस्तुति की। एसानी, सृष्टि, कृति, साइना व राखी छोटे-छोटे बच्चों की प्रस्तुति ‘इतनी सी हंसी… को भी दर्शकों प्यार मिला। इसके अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम में ऋषिका, शगुन, दीपांजलि, आयुषी,  दीपांजलि आदि ने भाग लिया। दूसरे चरण में आयोजित कवि सम्मेलन का संचालन अधिवक्ता कृष्ण मोहन मिश्रा कर रहे थे। कवि ज्योतिष चंद्र, पुरुषोत्तम शास्त्री, नरेश जी आदि ने अपने काव्य विधा से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। मौके पर पूर्व उप मुख्य पार्षद राम मनोहर सिंह, नरेश यादव, सुबोध मेहता एवं अन्य थे।

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