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आदिवासी सेंगेल अभियान : आदिवासी समाज के जागरूकता एवं  संगठन विस्तार को लेकर  बैठक,

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आदिवासी सेंगेल अभियान : आदिवासी समाज के जागरूकता एवं  संगठन विस्तार को लेकर  बैठक,

हवेली खड़गपुर 

प्रखंड के अंतर्गत भावीकुरा स्कूल आदिवासी टोला में आदिवासी सेंगेल अभियान के तहत आदिवासी समाज के जागरूकता एवं  संगठन विस्तार को लेकर  बैठक की गई। अध्यक्षता सेंगेल प्रखंड अध्यक्ष सरीता मरांडी ने की।  मुख्य अतिथि  बिहार प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ टुडू ने कहा कि आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद सालखन मुर्मू के दिशा निर्देश पर पांच प्रदेशों में  आदिवासीयों की अस्तित्व पहचान हासा -भाषा जाति धर्म “सरना” इज्जत आबादी रोजगार चास-बास बचाने की उद्देश्य से आदिवासी गांव समाज में जागरूकता अभियान एवं संगठन विस्तार को लेकर  कार्यकम चल रहा है।

आजादी के अमृत महोत्सव 76 वीं वर्षगांठ के बावजूद झारखंड प्रदेश के आदिवासियों की मातृभाषा संथाली भाषा को झारखंड के प्रथम राजभाषा लागू नहीं होने के कारण भारत के  आदिवासियों की प्रकृति पूजक सरना धर्म कोड नहीं मिलने के कारण गुलामी में जी रहा है।  संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी घोषणा पत्र 13 सितंबर 2007 के आलोक में 13 सितंबर 2022 को  पांच प्रदेशों बिहार ,बंगाल, असम ,उड़ीसा और झारखंड  के लगभग 250 प्रखंडों में धरना प्रदर्शन का आयोजन करते हुए, भारत के महामहिम  राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम ज्ञापन  को स्थानीय  प्रखंड बी डी ओ (B.D.O) के द्वारा  पांच सूत्री मांगों का पत्र भेजी जाएगी।

क्या है मांग :-  आदिवासी स्वशासन व्यवस्था या ट्राइबल सेल्फ रूल सिस्टम (TSRS) में सुधार लाने के लिए अविलंब जनतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों और व्यवहार का समावेश किया जाए ;  भारत के प्रकृति पूजक आदिवासियों को “सरना धर्म कोड” को अविलंब मान्यता देकर जनगणना में शामिल किया जाए ;  भारत की एकमात्र संवैधानिक मान्यता प्राप्त (आठवीं अनुसूची में शामिल) बड़ी आदिवासी भाषा- संताली भाषा को अविलंब झारखंड की प्रथम राजभाषा का दर्जा दिया जाए ;  असम और अंडमान में शताब्दियों से बस गए झारखंडी आदिवासियों को अविलंब अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिया जाए ।

क्या है उद्देश्य :-

 भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिन, 15 नवंबर 2000 को स्थापित झारखंड प्रदेश (दिशोम) मूलतः आदिवासी प्रदेश है। इसको लुटने- मिटने से बचाने के लिए सभी संवैधानिक, कानूनी प्रावधानों को सकारात्मक रूप से सक्रिय किया जाए। सरना धर्म कोड मांग हेतु उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर  में 20 सितंबर 2022 और बंगाल की राजधानी कोलकाता में 30 सितंबर 2022 में धरना प्रदर्शन और रैली मीटिंग में पांच प्रदेशों के नेता शामिल होंगे। अक्टूबर 2022 को संथाल परगना के 6 जिलों में सेंगेल मोटरसाइकिल रैली होगा।

 मौके पर बिहार पोनोत परगाना-जवाहर हेम्ब्रम,सोनेलाल सोरेन, सिकन्दर मुर्मू, सुषमा चोंड़े, रंगा टुडू,शिव कुमार हांसदा,मनोज कुमार टुडू,जगदेब बेसरा, विजय हांसदा, मोहित हांसदा,सतीस मरांडी , शांति हेम्ब्रम आदि महिला-पुरुष थे।

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