सामूहिक गर्भ-संस्कार उत्सव का भव्य आयोजन,
मुंगेर।
कोणार्क रोड स्थित विवाह भवन में गायत्री शक्तिपीठ पूरब सराय की ओर से ‘ सामूहिक गर्भ-संस्कार उत्सव का भव्य आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता सह उपासना जोनल प्रतिनिधि मनोज मिश्र ने कहा कि गर्भवती माताएं प्रार्थना, ध्यान और प्राणायाम शिशु के गर्भ में रहने तक करें तो धरती पर पुनः महामानव का अवतरण हो सकेगा। शक्तिपीठ की रेणु भगत ने गर्भवती माताओं को ब्रह्म मुहूर्त में उठ कर धरती माता एवं भगवान सूर्य की उपासना करना चाहिए। इससे उनका शिशु संस्कारित होगा। रूसी सिंह की दृष्टि में अच्छा या बुरा संस्कार शिशु को 80 प्रतिशत माता के गर्भ में ही मिल जाता है। जन्म के बाद के जीवन में 20 प्रतिशत ही संस्कार प्राप्त होते हैं।

मुख्य अतिथि सीडीपीओ पूनम देवी ने कहा कि गर्भवती माताएंड सुसंस्कारी संतान को जन्म देंगे सकें इसके लिए गायत्री शक्तिपीठ की ओर से कार्यशालाएं चलाई जाएगी। अध्यात्म चिंतक साहित्यकार मधुसूदन आत्मीय ने कौशल्या से राम के जन्म में ऋषि -मुनियों के तप और यज्ञ को मुख्य कारण बताया, तो कृष्ण की देवकी से और योगमाया ( कालांतर में जो माता दुर्गा के रूप में प्रकट हुईं) तथा वृंदावन व बहाने की गोपिकाओं को पूर्व जन्मों के ऐसे तप करने वाला ऋषि-मुनि बताया, जिन्हें आदि देव विष्णु ने द्वापर युग में कृष्णरूप में ऐसी रासलीला चलाने का वचन दिया था। जैसा न भूलो न भविष्यते होगा।

अनुष्ठान करने वाले एवं शक्तिपीठ के सहयोगी अरुण पंडित, गंगाधर पंडित, ब्रह्मदेव मंडल, आनंद पोद्दार, राजेन्द्र पंडित, रेणुका भगत, संजीव कुमार, अश्विनी, बिन्दु देवी, प्रियव्रत गोस्वामी, सुनीता व करुणा देवी, अनंत सिंह सहित दर्जनाधिक लोग थे। अंत में आरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया।