मुंगेर स्पेशल रिपोर्ट

मुंशी प्रेमचंद की 142वीं जयंती व मो. रफी की 42वीं पुण्यतिथि पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन,  ‘नाम गुम जाएगा चेहरा ये बदल जाएगा… गीत सुन मंत्रमुग्ध हुए श्रोता,

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मुंशी प्रेमचंद की 142वीं जयंती व मो. रफी की 42वीं पुण्यतिथि पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन,

 ‘नाम गुम जाएगा चेहरा ये बदल जाएगा… गीत सुन मंत्रमुग्ध हुए श्रोता

मुंगेर।

जमालपुर जानिसा आर्ट एंड फिल्म स्टूडियो में हिंदी साहित्य के सुविख्यात कलमकार मुंशी प्रेमचंद की 142वीं जयंती एवं मरहूम फनकार मोहम्मद रफी की 42वीं पुण्यतिथि समारोह पूर्वक मनाई गई।  कलाकारों ने रफ़ी के गाए गीतों को प्रस्तुत यादगार बना दिया।  उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की कृतियों की चर्चा की गई। 

मुख्य अतिथि भागलपुर से आए एसएचओ कृपा सागर, जानिसा के अध्यक्ष रंजीत प्रसाद,जानिसा के निदेशक मो ईसा “चंचल”, प्राचार्या मंजू यदुवंशी, प्रकाश सिंह बादल,  राजकुमार मंडल ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया।

 तारकनाथ बोस ने रफ़ी को श्रद्धांजलि देते हुए ‘हुई शाम उनका ख्याल आ गया’…, ‘दिन ढल जाए तेरी याद…’ गाया। पूजा राज ने लता मंगेशकर को याद करती हुई, ‘नाम गुम जाएगा चेहरा ये बदल जाएगा…’रहे न रहे हम, महका करेंगे..’ जैसे गीतों को पेश कर तथा मो. कैश ने “दिल का सूना साथ…’  जैसे मधुर गाने प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। मो. इम्तेयाज ने रफ़ी के मशहूर और बेहतर गाने ‘जब जब बहार आई…’ गाते ही महफ़िल में बहार आ गई। लोगों ने तारीफ़ करते हुए तालियां बजाकर बधाई दी। समाजसेवी और गरीब पीड़ित के लिए संघर्षरत सह पुराने कलाकार प्रमोद पासवान ने “तेरे नाम का दीवाना….’  गीत पेश कर रफ़ी के याद ताजा कर दिया। 

कलाकारों की भीड़ ने कार्यक्रम को वृहत बना डाला। इनके अलावा नये कलाकारों में अमित, बर्मन दा,  डा. सुमन रज़ा,  राजकुमार मंडल, कृपा सागर,  पूजा राज की प्रस्तुति पर श्रोताओं ने तालियां बजाकर कलाकारों का हौसला बढ़ाया। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ उद्घोषक महेश ‘अनजाना’ और युवा उद्घोषक मनोज मेहता ने संयुक्त रूप से कर रहे थे। 

 आर्गन प्ले एनके मुन्ना, ढोलक पर धर्मेश, पंकज, नाल पर सुनील,पैड प्ले अमित ने संगीत का खूबसूरती से संयोजन कर चार चांद लगा दिया। व्यवस्था में  लक्ष्मी कुमारी, जयश्री, पप्पू मंडल, राजीव रंजन, नवीन कुमार वर्मा, पामूल सिंह, रविश कुमार, आस्था, मो इब्राहिम उर्फ गुलाब,सोनी, यास्मीन, श्रीमती बर्मन दा, मुन्ना साउंड, लियाकत अली उर्फ मुन्ना का योगदान सराहनीय रहा।

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