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डीएम ने की उद्योग, बैकिंग तथा जिले में रोजगार सृजन को लेकर कार्यो की समीक्षा,

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डीएम ने की उद्योग, बैकिंग तथा जिले में रोजगार सृजन को लेकर कार्यो की समीक्षा,

 मुंगेर।

 समाहरणालय सभागार में उद्योग, बैकिंग तथा जिले में रोजगार सृजन को लेकर संबंधित कार्यो की समीक्षा जिला पदाधिकारी  नवीन कुमार ने की। विभिन्न बैंकों के जिला समन्वयक, उद्योग विभाग के पदाधिकारी, चैम्बर आफ काॅमर्स के सदस्य तथा इच्छुक व्यवसाय उपस्थित हुए। जिला पदाधिकारी ने बैंकों को रोजगार हेतु ऋण प्रदान करने में सक्रिय भूमिका निभाने का निदेश दिया गया।

उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय की स्पष्ट गाइडलाइन के अनुरूप प्रत्येक बैंकिंग शाखा को न्यूनतम एक ऋण आवेदन अपनी पहल से सृजित कर ऋण स्वीकृत करना है। जिला पदाधिकारी ने इसे गंभीरता से लेते हुए कहा कि प्रत्येक शाखा दिशा निदेश का सख्ती से अनुपालन करेगे। वित्तीय वर्ष 20-21 और 21-22 में प्रधानमंत्री रोजगार गारंटी योजना में बैंक शाखावार आवेदन सृजन, अनुमोदन एवं लंबित आवेदन की समीक्षा की गयी। 03 या उससे अधिक आवेदन सृजित कर अनुमोदन करने पर बैंक शाखा के प्रबंधकों को सम्मानित किया जायेगा जबकि कई शाखाओं द्वारा एक भी आवेदन स्वीकृत नहीं करने पर सख्त नाराजगी व्यक्ति की गयी तथा संबंधित रीजनल मैनेजर को पत्र संसूचित किया गया।

इंडियन ओवर सीरीज बैंक, केनरा बैंक के श्रीमतपुर एवं गुलजार पोखर शाखा में काफी बेहतर कार्य किया है। ‘‘किसान भागीदारी प्राथमिकता हमारी’’ सरकार की महत्वपूर्ण योजना है। इस अभियान के तहत प्रत्येक पंचायत में 24 अप्रैल से 01 मई तक किसान क्रेडिट कार्ड परिपूर्णता के लिए शिविर लगाया जाएगा तथा किसानों को क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराया जायेगा। जिला कृषि पदाधिकारी इस अभियान के नोडल पदाधिकारी है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत सभी किसानों को क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराया जाना है। जिले में 88 हजार से अधिक लक्ष्य निर्धारित है। अभी भी 34 हजार किसान भाईयों को किसान क्रेडिट कार्ड नहीं है। किसान भाईयों के लिए यह सुनहरा अवसर है। उन्हें तत्काल पंचायतों में लगाए गए कैंप में कार्ड कराया जायेगा। जिला स्तर पर वरीय उप समाहर्ता बैंकिंग, जिला कृषि पदाधिकारी, एलडीएम, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, एजीएम नाबार्ड कार्य करेगे जबकि प्रखंड एवं पंचायतों में प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, इस कैंप को क्रियान्वित कराना सुनिश्चित करेगे तथा प्रतिदिन उपलब्धि को प्रतिवेदित भी करेगे। पशुपालन एवं मत्स्य विभाग के पदाधिकारियों को भी कैंप में सक्रिय भागीदार बनकर अधिक से अधिक लाभुकों को किसान क्रेडिट कार्ड मुहैया कराने का निदेश दिया। इसके अतिरिक्त कृषि संरचना के विकास के लिए सरकार ऋण मुहैया कराती है। इस योजना में 01 लाख से 02 करोड़ तक की ऋण दी जाती है। इसमें किसी प्रकार की गिरवी या प्रतिभूति की आवश्यकता नहीं रहती है। ऑनलाईन अपने डीपीआर को अपलोड करने पर यह अनुमोदित होता है। फ्लाई एश ईंट निर्माण, ईवीसी पाइप निर्माण, राइस मिल, कोल्ड स्टोरेज, ग्लास डिजाइन में आये हुए उद्यमियों ने अभिरूची दिखाई तथा जल्द ही शुरू करने की बात कही।  

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम अंतर्गत नये स्वरोजगार उपक्रम/परियोजना/सूक्ष्म उद्यम की स्थापना द्वारा देश के ग्रामीण इलाकों के साथ-साथ शहरी इलाकों में रोजगार के अवसर सृजित करना है। इसमें चयनित अभ्यर्थियों को बैंक ऋण के रूप में कुल परियोजना राशि के मार्जिन मनी के रूप में 15 प्रतिशत से लेकर 35 प्रतिशत तक की वित्तीय सहायता प्रदान की की जाती है। कोई भी 18 वर्ष से अधिक उम्र का व्यक्ति 10 लाख रुपये से अधिक के उत्पादन प्रक्षेत्र एवं 5 लाख रुपये से अधिक व्यवसाय/सेवा प्रक्षेत्र के लिए न्यूनतम आठवीं पास की आवश्यकता है। परियोजना के लिए अधिकतम राशि 25 लाख रुपये उत्पादन प्रक्षेत्र एवं 10 लाख रुपये व्यवसाय/सेवा प्रक्षेत्र के अनुमान्य होगी। सामान्य कोटि शहरी क्षेत्र हेतु 15 प्रतिशत एवं ग्रामीण क्षेत्र हेतु 25 प्रतिशत परियोजना राशि का सब्सिडी-अनुदान की जाती है। अनुसूचित जाति/जनजाति/ महिला/अल्पसंख्यक/दिव्यांग आदि कोटि शहरी क्षेत्र हेतु 25 प्रतिशत एवं ग्रामीण क्षेत्र हेतु 35 प्रतिशत प्रति परियोजना राशि का सब्सिडी दी जाती है। बैठक में वरीय उप समाहर्ता  विवेक सुंगध, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी, वरीय उप समाहर्ता  बैजंती , जिला उद्योग पदाधिकारी, चैम्बर ऑफ काॅमर्स के प्रतिनिधि तथा व्यवसायी उद्यमी शामिल हुए।

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