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विविध रंगों से रंगी ” सृजन संसार” की काव्य – गोष्ठी,

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विविध रंगों से रंगी ” सृजन संसार” की काव्य – गोष्ठी,

“सृजन संसार” रांची की मासिक गोष्ठी ऑनलाइन गूगल मीट के माध्यम से हुई। काव्य गोष्ठी में मुख्य अतिथि साहित्योदय के संस्थापक सह अध्यक्ष पंकज प्रियम,विशिष्ट अतिथि बीआईटी मेसरा के हिंदी अधिकारी पीयूष तिवारी तथा अतिथि के रूप में नेहाल हुसैन सरैयावी शामिल हुए।कार्यक्रम की अध्यक्षता मंच के संरक्षक सुनील सिंह बादल ,कुशल संचालन नंदनी प्रणय एवं धन्यवाद ज्ञापन मंच के संस्थापक सह अध्यक्ष सदानंद सिंह यादव ने किया।
सदानंद सिंह यादव द्वारा प्रस्तुत ईश्वरीय भजन से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। पीयूष तिवारी ने अपनी रचना में मां फिर से भेजा करो वह चिट्ठियां।रूना रश्मि दीप्त ने सुन सजन! क्या कह रहे अहसास सब मेरे।सुनीता अग्रवाल ने- मैया मेरी बेटी मैं तेरी
सुन ले मेरी पुकार रे।गीता चौबे गूंज ने- यही तो जीवन है महकता जीवन है की प्रस्तुति दी। पुष्पा पांडे ने बेटी की विदाई पर अपनी रचना पढ़ी ।बिम्मी प्रसाद वीणा ने जिम्मेदारियां शीर्षक पर केंद्रित अपनी रचना उम्र से पहले चेहरे पर झुर्रियां भर आती है, तो पुष्पा सहाय गिन्नी ने मेरे साथ साथ चल, खामोश है निगाह सुनाई तो सुनील सिंह बादल ने -शर्म को भी मगर शर्म नहीं आती आज के संदर्भ में अपनी बात रखी। रंजना वर्मा उन्मुक्त ने- अकेले नहीं है सहारे बहुत है मोहब्बत अभी तो निभाने बहुत है। सुधा कर्ण ने- आंखों की नमी पलकों पर सिमट जाती है मां, जब याद तुम्हारी आती है ।चारू मित्रा ने- जो सपने हैं देखे हकीकत बनाना, गुलिस्ता सरीखे है यह जिंदगी। खुशबू बरनवाल सीपी ने- आज का नेता बहुत बड़ा है अभिनेता पर अपनी बात रखी। कल्याणी झा कनक- ने खिलती मीठी धूप है उपवन सजे द्वार उत्सव सभी मना रहे जाड़ा है त्यौहार। विभा वर्मा ने- एक पल एहसास बनकर आते हो तुम तो नंदनी प्रणय ने- नए साल की खुशियां पर केंद्रित नया साल आओ ना कान्हा मेरे, आया नया साल की प्रस्तुति दी। कामेश्वर सिंह कामेश ने गजल- खफा खफा है क्यूं ना बोल रहा तबीयत । ऋतुराज वर्षा ने- आवाज इतनी बुलंद करो कि सोए हुए लोग भी जाग जाए
तो रजनी शर्मा चंदा ने-सीमा पर जवान हंसे देश में किसान हंसे ।
तब ही पूरे देश में खुशहाली जान पाएंगे सुनाकर
अपनी शानदार प्रस्तुति दी। नेहाल हुसैन सरैयावी ने भी अपने शानदार शायरी से श्रोताओं का दिल जीत लिया तो सीमा सिन्हा मैत्री ने-पूर्णिमा की रात पर केंद्रित प्रेम की उम्मीद भरी रोशनी की प्रस्तुति देकर कार्यक्रम में चार चांद लगा दी। अंत में धन्यवाद ज्ञापन सदानंद सिंह यादव ने किया।

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