विद्यालय का संचालन हेतु प्रधानाध्यापकों का एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम,
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने हेतु जिला पदाधिकारी ने प्रधानाध्यापकों को कराया कर्तव्य बोध,
अच्छा नागरिक बनने एवं बनाने के लिए सीखना जरूरी : नवीन,
दिव्यांग विद्यार्थियों का सर्वे कर उनका डाटाबेस तैयार करने का दिया निदेश,
मुंगेर।
संग्रहालय सभागार में सभी उच्च माध्यमिक, माध्यमिक, उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय का कोविड 19 के मानक संचालन प्रणाली का अनुपालन करते हुए किस प्रकार विद्यालय का संचालन किया जाना है, इसको लेकर संबंधित प्रधानाध्यापकों का एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम किया गया। मुख्य रूप छात्रों की उपस्थिति एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने हेतु जिला पदाधिकारी नवीन कुमार ने सभी उपस्थित प्रधानाध्यापकों को निर्धारित दिशा निदेश के आलोक में कर्तव्य बोध कराया। उन्होंने कहा कि समाज में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका हमेशा से रही है। शिक्षक की सोच पर समाज की दिशा तय की जाती है। सकारात्मक सोच के साथ कार्य करने की आवश्यकता है।
अच्छा नागरिक बनने एवं बनाने के लिए सीखना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सभी बच्चों से आप है बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए ही आपकी नियुक्ति की गयी है। बच्चों की पूर्ण विकास की जिम्मेवारी आप सभी शिक्षकों पर है। उन्होंने कहा कि आज का यह उन्मुखीकरण कार्यक्रम में कोई नई बात नहीं है बल्कि शिक्षा विभाग द्वारा समय समय पर जारी विभिन्न संकल्पों, पत्रों और निदेशों का अनुपालन करने हेतु कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
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उन्होंने ड्रेस कोड, शैक्षणिक वातावरण, स्वच्छ परिसर, शिक्षक पंजी, उपस्थिति, पोषण क्षेत्र में भ्रमण, स्मार्ट क्लासेस आदि के संबंध में आवश्यक दिशा निदेश दिये। उन्होंने शिक्षकों से उनकी समस्याओं के बारे में भी जानकारी प्राप्त कर संबंधित पदाधिकारी को इसका अविलंब निराकरण करने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को मोटिवेट करें उन्हें कार्यो एवं दायित्वों का बोध कराये। उन्हें सक्रिय करें एवं निष्क्रिय रहने पर अपेक्षित कार्रवाई भी करे। नवाचार के बारे में लोगों को जानकारी दी गयी। नवम एवं दसम वर्ग के बच्चों को इनोवेटिव आईडिया हेतु प्रेरित करने तथा विशिष्ट कार्यो में दक्ष बनाने में की दिशा में कार्य करने का निदेश दिया। नोवा से बारहवीं वर्ग के पास आउट बच्चों के किताबें यदि बच जाती है तो उन्हें कहे कि स्कूल में रख दे और जिससे आवश्यकता पड़ने पर अन्य बच्चे पढ़ाई कर सके। इस तरह की पुस्तकालय बनाये। कई माहवार विद्यालय खोला गया है। इसलिए लर्निंग डिस्टेंस को पूरा करने के लिए कैच अप राउंड चलाया जा रहा है। बच्चों को कम समय में छुटे हुए पाठ का अभ्यास कराया जा रहा है। सभी को पोषण क्षेत्र में अनिवार्य रूप से भ्रमण करने का निदेश दिया गया। उन्होंने फिर कहा कि स्वच्छ परिसर, पठन पाठन, भवन एवं बच्चों तथा शिक्षकों की उपस्थिति के आधार पर शिक्षकों के कार्यों का आकलन किया जायेगा। प्रत्येक तीन माह पर अच्छे कार्य करने वाले को पुरस्कृत किया जायेगा। उन्होंने रिर्सोस शिक्षक के कार्यों की भी समीक्षा की। रिर्सोस शिक्षक का मुख्य दायित्व है कि अपने क्षेत्र के सभी दिव्यांग विद्यार्थियों का सर्वे कर उनका डाटाबेस तैयार करना तथा उन्हें विद्यालयों में नामांकित कराना। उन्हें संबंधित उपकरण यथा व्हीलचेयर, चश्मा, श्रवण यंत्र उपलब्ध कराना। जिला पदाधिकारी ने निदेश दिया कि 10 सितंबर तक अपने अपने क्षेत्रों में सर्वे कर ले तथा उनका डाटाबेस तैयार कर ले। साथ ही आवश्यकतानुसार उपकरण का अधियाचना विभाग से करे। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को भी नियमित रूप से निरीक्षण करने का निदेश दिया। शिक्षा विभाग के अभियंता को भी निदेश दिया कि सभी भवनों का नियमित रूप से भ्रमण कर उनके रख रखाव एवं मरम्मति के दिशा में कार्य करेगे। बैठक में उप विकास आयुक्त संजय कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी दिनेश कुमार चैधरी, अनुमंडल पदाधिकारी तारापुर, अनुमंडल पदाधिकारी खड़गपुर उपस्थित थे।