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जिले में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने की पूरी तैयारी,
डीएम ने पदाधिकारियों को दिए कई निर्देश, 

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जिले में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने की पूरी तैयारी,
डीएम ने पदाधिकारियों को दिए कई निर्देश, मुंगेर

जिले में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी कर रखी है।   जिला पदाधिकारी नवीन कुमार ने संबंधित पदाधिकारियों के साथ बैठक की। बाढ़ प्रभावित अंचलाधिकारी के साथ साथ सिविल सर्जन, पीएचईडी, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी, जिला परिवहन पदाधिकारी के दायित्वों के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये। सदर अंचलाधिकारी ने बताया कि अभी 6 पंचायत बाढ़ प्रभावित है। जाफरनगर के सीताचरण, जाफरनगर, महुली, कुतलूपुर के परौड़ा टोला, टीकारामपुर के भेलवा दियारा, तारापुर दियारा एवं नौवागढ़ी उत्तरी के कुछ हिस्सा प्रभावित है। शेरपुर मध्य विद्यालय, अमरपुर हाई स्कूल, सीताकुंड हाई स्कूल, जिला स्कूल मुंगेर को शरण स्थलीय के रूप में चिह्नित किया गया। बरियारपुर अंचलाधिकारी ने बताया कि कल्याणटोला के हरिजन टोला, एकाशी टोला, मुशहरी टोला, नीरपुर के लालजी टोला, करहरिया पश्चिमी के रधुनाथपुर, करहरिया पूर्वी के मुरला मुशहरी, झौवाबहियार एवं हरिणमार के कई वार्ड बाढ़ प्रभावित है। इसी प्रकार जमालपुर के सिंधिया, पड़हम और इटहरी के कुछ हिस्से प्रभावित है। जिला पदाधिकारी ने चिह्नित शरण स्थलों में कई आवश्यक निदेश दिये। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में जल स्तर बढ़ने की संभावना है। इसलिए शरण स्थल तक प्रभावित व्यक्तियों की लाने के लिए रेडी मोड में रहे। केन्द्र पर साफ सफाई एवं पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निदेश कार्यपालक अभियंता पीएचईडी को दिया गया। उन्होंने निदेश दिया कि खान पान, प्रकाश और जेनरेटर की व्यवस्था को दुरूस्त रखे। सभी चिह्नित स्थलों पर प्रभावित व्यक्तियों को लाने के लिए कर्मी एवं पंजीकृत नाव को संबंद्ध कर दिया गया है। जिला पदाधिकारी ने अनुमंडल पदाधिकारी सदर को निदेश देते हुए कहा कि शरण स्थल में कोविड एवं आपदा अधिनियम के तहत कर्मियों की प्रतिनियुक्ति करे। किसी प्रकार की कोताही एवं लापरवाही करने पर सख्त कार्रवाई की जायेगी। आपदा राहत केन्द्र पर मानव एवं पशु चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति करने का निदेश दिया गया। साथ ही दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा। जिला कृषि पदाधिकारी को भी निदेशित करते हुए उन्होंने करते हुए कहा कि फसलवार क्षति का आकलन करते हुए प्रतिवेदन समर्पित करे। अपने अधिनस्थ अधिकारियों की सहायता से खेतों में बाढ़ के पानी से फसल क्षति का आकलन करे। साथ ही खाद की आवश्यकता का भी आकलन करने का निदेश दिया गया। 75 नावों का निबंधन करा लिया गया है। जिला पदाधिकारी ने निदेश दिया कि सभी नावों पर पेंट से निबंधन संख्या और क्षमता (संख्या) स्पष्ट रूप से अंकित करे। उन्होंने कहा कि यदि और नाव है तो अविलंब मोटरयान निरीक्षक को नाव सूची प्रतिवेदित करे। उन्होंने कहा कि सभी आपदा राहत केन्द्रों पर पंचायत स्तरीय कर्मी को प्रतिनियुक्त करे। मवेशी के साथ नाव का परिचालन की स्पष्ट मनाही की गयी। सिविल सर्जन को निदेश दिया गया कि राहत शिविर में टीकाकरण को प्राथमिकता के आधार पर कराये। उन्होंने कहा कि राहत शिविर में वृद्ध एवं गर्भवती महिलाओं को प्राथमिकता के आधार पर पहुंचाने का काम करे। एनडीआरएफ टीम कल से बरियारपुर के प्रभावित क्षेत्रों में कैंप करेगे। जिला पदाधिकारी ने कहा कि निर्धारित एसओपी के अनुसार सारी तैयारी पूर्ण कर ली गयी है। बैठक में अपर समाहर्ता, अनुमंडल पदाधिकारी सदर, संबंधित अंचलाधिकारी एवं पदाधिकारी  थे।

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