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लोकतंत्र में पत्रकारिता की भूमिका पर प्रदेश स्तरीय वेबीनार का आयोजन,140 देशों में संस्था का विस्तार के साथ 43वां वेबीनार : डा. देवेंद्र, 

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लोकतंत्र में पत्रकारिता की भूमिका पर प्रदेश स्तरीय वेबीनार का आयोजन,140 देशों में संस्था का विस्तार के साथ 43वां वेबीनार : डा. देवेंद्र, मुंगेर ।डाॅ.सुब्रमण्यम स्वामी के नेतृत्व वाले विराट हिन्दुस्तान संगम के बिहार शाखा के तत्वाधान में “लोकतंत्र में पत्रकारिता की भूमिका” पर प्रदेश स्तरीय वेबीनार का आयोजन किया गया। अध्यक्षता जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार सह द स्टैट्स्मन के पूर्व रेजिडेन्ट एडिटर  मोहन सहाय ने की। संचालन वरिष्ठ पत्रकार सह संपादक डाॅ. विभुरंजन कर रहे थे।

संस्था का परिचय कराते हुए प्रदेश अध्यक्ष  प्रो.(डॉ.) देवेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि पत्रकारिता का मुख्य उद्देश सूचनाओं का आदान प्रदान करना एवं सत्ता का मार्गदर्शन व नकेल कसना है। संस्था 140 देशों में अपने विस्तार के साथ 43 वां सेमिनार का आयोजन किया गया है। संस्था का बिहार में भी तेजी से विस्तार हो रहा है।पत्रकारिता पर  खड़ा हो गया है विश्वसनीयता का संकट : डाॅ. अशोक, 
 दैनिक समाचार पत्र के ब्यूरो चीफ डाॅ. अशोक प्रियदर्शी ने  कहा कि पत्रकारिता पर  विश्वसनीयता का संकट खड़ा हो गया है। सोशल मीडिया के बाद इसकी पहुंच गांव गांव तक हो चुकी है, पर अखबारों में छपी खबर का असर कम होता जा रहा है। नेताओं के चरित्र की तरह अब पत्रकारों के चरित्र पर भी सवाल उठने लगे हैं। पत्रकारिता पर पूंजीवाद हावी हो गया है। पहले अखबार आंदोलन हुआ करता था पर अब लाभ से जुड़ गया है।

मीडिया को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष बनाए रखने में योगदान दे सरकार : डॉ. प्रमोद,
वरिष्ठ पत्रकार डॉ. प्रमोद प्रवीण ने कहा कि सरकार को चापलूस पत्रकारिता से बचना चाहिए। कभी-कभी ऐसी पत्रकारिता से सरकार को हानि होती है। उन्होंने इंदिरा गांधी के शासनकाल का उदाहरण भी दिया और कहा कि सरकार को मीडिया को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष बनाए रखने में योगदान देना चाहिए।
सत्य में समर्थन और खतरा दोनों हैं : बागी,
वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी ने कहा पत्रकारिता को गाली देना फैशन बन गया है। पत्रकारिता के लिए पहले भी कभी स्वर्ण युग नहीं रहा है और अब भी नहीं है। आलोचनाओं के बाद भी अखबार एवं टीवी पर चली समाचार पर जनता विश्वास करती है। सत्य में समर्थन और खतरा दोनों हैं।


सरकार की गलतियों को बताना ही पत्रकारिता का है मुख्य कार्य : एन. के. सिंह,नई दिल्ली के वरिष्ठ पत्रकार मुख्य वक्ता एन. के. सिंह ने कहा कि सरकार की गलतियों को बताना ही पत्रकारिता का मुख्य कार्य है। जेपी आंदोलन के प्रोग्रामर डॉ. विजय कुमार सिन्हा, डॉ. रामेश्वर प्रसाद, डॉ. जितेंद्र कुमार सिंह, प्रो. अरुण कुमार प्रसाद आदि के प्रश्नों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि मीडिया को पढ़ने की जरूरत है। पत्रकारिता का एक बड़ा वर्ग भाड़ हो गया है, क्योंकि ज्ञान नहीं है। विकास के आधार पर बिहार की सरकार रहने लायक नहीं है। उन्होंने कई उदाहरण भी पेश किए। उन्होंने कहा कि समस्तीपुर की एक घटना उन्हें याद है 2 गांव में 195 महिलाओं का बच्चेदानी का ऑपरेशन की खबर आई और जब उसकी जांच की गई तो वे सभी पुरुष थे। उन्होंने कहा स्मृति ईरानी ने लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में बताई कि अति कुपोषित बच्चों की संख्या देश में 9,27,000 है, जिसमें से चार लाख उत्तर प्रदेश और तीन लाख बिहार के बच्चे हैं, पर हम इन बातों पर फोकस नहीं करके सुशांत सिंह पर कई दिन तक समाचार परोसते हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड में हर 4 दिन में एक महिला डायन कह कर मार दी जाती है।

पत्रकारिता में नैतिकता के क्षरण पर उन्होंने कहा कि इसे कानून बनाकर ठीक नहीं किया जा सकता है। धर्मगुरु अब बलात्कारी हो गए हैं। मां के गोद और प्राइमरी टीचर से जो वैल्यू मिलते थे, वह अब नहीं मिल रहे हैं। इसके लिए नए इंस्टिट्यूशन की तलाश करनी होगी। ₹10 का आलू की जगह हम ₹400 का चिप्स खाना पसंद करते हैं। उन्होंने अपने ट्रेन में बिहार के सफर के दौरान की एक घटना का जिक्र किया और कहा कि एक व्यक्ति के कपड़े फटे थे उन्हें अपने कपड़े या सड़क के टूटे और गड्ढे होने की चिंता नहीं थी किसी व्यक्ति की हत्या हो गई थी और वह उस व्यक्ति के जाति का होने के कारण, उन्हें उस बात की चिंता थी और वह उस घटना पर अपनी भड़ास निकाल रहे थे लेकिन कभी सड़क के लिए या अपने फटे कपड़े के लिए शायद उसने कभी सोचा या नहीं। उन्होंने कहा नैतिक रूप से मजबूत लोगों को संविधान की जरूरत नहीं है। 
कई लोगों को अपनी बातें रखने का मौका नहीं मिलने पर वक्ताओं की मांग पर पुनः इस विषय पर सेमिनार आयोजित किए जाने का आश्वासन प्रदेश अध्यक्ष डा. देवेंद्र प्रसाद सिंह ने दी और कहा कि बिहार के परिवर्तन और विकास के लिए विराट हिंदुस्तान संगम काम कर रही है।अध्यक्षीय उद्बोधन में वरिष्ठ पत्रकार मोहन सहाय ने सभी वक्ताओं के उद्बोधन का विश्लेषण करते हुए कार्यक्रम की सफलता के लिए धन्यवाद दिया। कार्यक्रम का समापन मुंगेर के एक दैनिक समाचार पत्र के ब्यूरो चीफ डॉ. सुरेश कुमार के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।

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