गर्भवती महिलाओं की कोरोना जांच में अस्पताल प्रबन्धक की लापरवाही आयी सामने,
तारापुर।
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान में सभी नियमो की धज्जियां उड़ती दिखी। कोरोना संक्रमण समाप्त नही हुआ पर इसके प्रोटोकाल की भी धज्जियां उड़ी। अस्पताल प्रबंधन उन्हें कतार में खड़े रहने अथवा बैठाने में शारीरिक दूरी नहीं बनवा सके। माताओं के लिए आयोजित विशेष अभियान में कोरोना जांच के लिए उन्हें जमीन पर बैठने को मजबूर किया गया। किसी भी महिला का अल्ट्रासाउंड नही कराया गया। प्रत्येक महीना के 9 तारीख को अस्पतालों में शिविर लगाया जाता है। कार्यक्रम के अंतर्गत दी जाने वाली प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान में प्रत्येक माह की 9 तारीख को अथवा अवकाश होने की अवस्था में अगले दिन गुणवत्तापूर्ण एएमसी कार्यक्रम एवं 21 तारीख को हाई रिस्क प्रेगनेंसी महिलाओं की जांच इलाज किया जाता है। सभी गर्भवती महिलाओं का क्लीनिकल जांच सलाह के अनुसार पैथोलॉजिकल जांच तथा आईबी प्रेगनेंसी ब्लड ग्रुप यूरीन प्रोटीन शुगर का जांच मुफ्त किया जाता है। मौके पर जांच कराने के लिए आई पूनम देवी, सोनम कुमारी, पुष्प लता देवी, निशा, परवीन, सुनीता देवी, रिजवाना खातून आदि ने बताया कि वे लोग खून जांच यूरीन टेस्ट प्रेगनेंसी जांच हीमोग्लोबिन आदि की जांच कराने के लिए 2 से 3 घंटे तक कतार में लगे हुए हैं। एक ही लैब होने के कारण दिक्कतें हो रही हैं। खड़े रहने में भी दिक्कत होती है। अगर बाहर निकलते हैं तो फिर लाइन में घुसने नहीं दिया जाता है। सभी गर्भवती महिलाओं को कोरोना जांच में अस्पताल प्रबन्धक की बड़ी लापरवाही सामने आयी है कोरोना कोरोना जाँच कराने आयी महिलाओं को जमीन पर ही बैठा दिया गया था ।कहते हैं पदाधिकारी :-प्रभारी उपाधीक्षक डॉक्टर बी एन सिंह ने कहा कि 234 महिलाएं का जाँच किया गया । बारंबार समझाने यहां तक कि सुरक्षा गार्ड नियुक्त रहने के बाद भी गर्भवती महिलाएं किसी की बात नहीं सुनती है और भीड़ का हिस्सा बन जाती है। हमारे पास महिला सुरक्षा गार्ड नहीं है। जिस कारण उन्हें टच नहीं किया जा सकता है। अल्ट्रासाउंड जांच नहीं होने के संबंध में कहा कि इसकी टेक्नीशियन नहीं है। पर व्यवस्था की गई है। यह मंगलवार को होगा। डॉक्टर नाज बानो विशेषज्ञ चिकित्सक हैं। उनके रोस्टर ड्यूटी नहीं है । उन्हें आने के लिए कहा गया था । बावजूद आज वह भी नहीं आई। गर्भवती महिला से संबंधित सभी जांच होती है। साथ ही जाँच कराने वाली सभी महिलाओं को जुस एवम नास्ता भी दिया जाता है ।