डाँड़ में पानी भरने से खेतों में लगा मूंग का फसल हो रहा है बर्बाद,
निजी कोष से डाँड़ की सफाई कर फसल बचाने में लगे किसान,
डाँड़ सफाई के नाम पर विभाग करता रहा है राशि का बंदरबांट,
मुंगेर।
खेतों से जल निकासी समुचित तरीके से नहीं होने के कारण प्रतिवर्ष जिले के तारापुर प्रखंड के धोबई गांव के किसानों का लगभग एक सौ बीघा की खेती नष्ट हो जाती है। इस वर्ष भी डाँड़ में पानी भरने से खेतों में लगा मूंग का फसल बर्बाद हो रहा है। निजी कोष से डाँड़ की सफाई कर फसल बचाने में किसान लगे हुए हैं। विभागीय तौर पर डाँड़ सफाई के नाम पर राशि का बंदरबांट आम बात है ।
कहते हैं ग्रामीण :-
धोबई गांव के पीड़ित किसान ध्रुव कुमार चौधरी, माणिक कुमार चौधरी, प्रणय कुमार चौधरी, पप्पू पासवान, बबलू पासवान, पिंकू यादव, अरुण पासवान, प्रशांत चौधरी आदि का कहना है कि डाँड़ के माध्यम से जल निकासी का एकमात्र रास्ता नहर है। पर डाँड़ से सटे हुए बसावट होने के कारण स्थानीय जन द्वारा कूड़ा कचरा सभी सिंचाई डाँड़ में डालकर उसे भर दिया जाता है। अत्यधिक बरसात होने के कारण डाँड़ में जल जमाव प्रारंभ होकर तथा डाँड़ में कचरा के ढेर से खेत का तल नीचे होने के कारण यह पानी नहर में नहीं जाकर खेतों में फैल जाता है। जिस कारण 100 बीघा से अधिक की खेती पानी में डूब जाती है। यह डाँड़ धोबई गांव के यादव टोला वार्ड 8 नाजा में पड़ता है ।
किसानों द्वारा इस वर्ष एक सौ बीघा से अधिक खेत में मूंग लगाया गया है। बरसात लगातार होते रहने के कारण डाँड़ लबालब होकर पानी खेतों को भरने लगा। जिससे समूची फसल डूबी हुई है।
कहते हैं पदाधिकारी :-
जल संसाधन विभाग तारापुर के कार्यपालक अभियंता अभियंता रामजी चौधरी ने कहा कि धोबई के इस डाँड़ के संबंध में मुझे इसकी जानकारी नही है। किसान का आवेदन नही मिला है। आवेदन मिलने पर दिखवा लेंगे।