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तीन साल बाद विवाहिता जिंदा बरामद :  विवाहिता की हत्या कर शव को गायब करने का मामला निकला झूठा,

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तीन साल बाद विवाहिता जिंदा बरामद :  विवाहिता की हत्या कर शव को गायब करने का मामला निकला झूठा,
असरगंज।असरगंज थाना पुलिस ने तीन साल बाद विवाहिता जिनकी हत्या कर शव को गायब करने का मामला थाने में दर्ज की गई थी, जिंदा बरामद किया है।विवाहिता की हत्या कर शव को गायब करने का मामला  झूठा निकला।  सामने आया अजीब मामला :-सनद रहे कि तीन साल पूर्व लड़की के पिता ने जिस विवाहिता को दहेज प्रताड़ना को लेकर हत्या कर शव को गायब करने का मामला दर्ज कराया था। तीन साल बाद पुलिस ने उसे भागलपुर जिला के जीरो माईल से  जिंदा बरामद कर लिया है। कहते हैं पदाधिकारी :-असरगंज थानाध्यक्ष सुनील सहनी ने बताया कि तीन साल पूर्व  खगड़िया जिला के परबत्ता थाना के करना गांव निवासी लड़की के चाचा सिंकदर सिंह ने असरगंज थाना में आवेदन देकर कहा था कि उनकी भतीजी रिमझिम कुमारी को दहेज प्रताड़ना को लेकर हत्या कर शव को गायब करने का आरोप पुरूषोत्तमपुर चोरगांव निवासी शैलेन्द्र सिंह के पुत्र मिथिलेश राज पर लगाया था। जिसके आलोक में थाना कांड संख्या 124/2019 मुकदमा  दर्ज किया गया था। पर तीन साल बाद असरगंज थाना के एसआई विनोद चौधरी व पुलिस की सक्रिय प्रयास से उसे जिंदा बरामद कर लिया है।बोली विवाहिता :- थानाध्यक्ष ने कहा कि बराबद किये गये विवाहिता से पुलिस द्वारा पूछे जाने पर उसने अपने स्वाकारोक्ति ब्यान में कहा कि हम अपने मर्जी से घर को छोड़कर नवगछिया में रह रहे थे। पुुलिस ने कहा कि विवाहिता का मेडिकल जांच कराया जायेगा।क्या है मामला :-बतादें कि विवाहिता के चाचा सिकंदर  सिंह ने थाना में आवेदन देकर कहा था कि मेरी भतीजी की शादी पुरूषोत्तमपुर चोरगांव निवासी शैलेन्द्र सिंह के पुत्र मिथिलेश राज से वर्ष 2017 में शादी हुई थी। शादी के समय हमलोगों ने आभूषण, उपहार सहित लाखों के उपहार भी दिए थे। बाबजूद ससुराल वालों द्वारा उसे दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता रहा। अंततः दहेज लोभियों ने मेरी बच्ची की हत्या कर शव को गायब कर दिया। उन्होने मिथिलेश राज, अशोक कुमार सहित अन्य पर उक्त मामले को लेकर मुकदमा दर्ज कराया था। लड़की को एक दस माह का बच्चा भी था।

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