फरोग-ए-उर्दू कार्यशाला, सेमिनार एवं मुशायरा का आयोजन,
मुंगेर। फरोग-ए-उर्दू कार्यशाला, सेमिनार एवं मुशायरा का आयोजन जिला परिषद सभागार में किया गया। उर्दू निदेशालय द्वारा निदेशित एवं जिला उर्दू कोषांग मुंगेर द्वारा आयोजित इस मुशायरा सह सेमिनार कार्यक्रम में शहर के नामचीन शायरो एवं गजलगो ने अपने अपने शायरी का पाठ किया। शमा अफरोज के साथ कार्यक्रम की शुरूआत जिला पदाधिकारी रचना पाटिल ने की। हिन्दी-उर्दू की आपसी भाईचारा और दो बोलियों की तहजीब का संगम आज देखने को मिला। जिला पदाधिकारी ने कहा कि उर्दू हमारे राज्य की द्वितीय राजभाषा में स्थापित है। अनेकों सरकारी कामकाज उर्दू के माध्यम से किये जा रहे है। कई प्रकार के प्रमाण पत्र उर्दू में भी जारी किये जा रहे है। अनिवार्य रूप से उर्दू में सरकारी कार्यालयों में पदों का नाम अंकित भी किया गया। उर्दू जबान शीरी और मिठी जबान है। उन्होंने कहा कि उर्दू हिन्दी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है। कोविड को देखते हुए आयोजन में आपसी दूरी, मास्क और सेनेटायजर का भी प्रयोग किया गया। इस अवसर पर उर्दू में अच्छे काम करने के लिए कुछ बच्चियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। उर्दू में स्मारिका का भी लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर उप विकास आयुक्त संजय कुमार, जिला भविष्य निधि पदाधिकारी देवेन्द्र कुमार, जिला जन सम्पर्क पदाधिकारी दिनेश कुमार, प्रभारी जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी बैजंती, सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा अतुल कुमारी थे। जावेद अख्तर आजाद, अनिरूद्ध सिन्हा, प्रोफेसर शब्बीर हसन, इकबाल, सलाम शाबरी आदि ने अपनी शायरी पेश की।