एपीजे अब्दुल कलाम की 89 वीं जयंती सह विचार गोष्ठी का आयोजन, मुंगेर।भारतीय गणतंत्र के निर्वाचित 11 वें राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की 89 वीं जयंती सह विचार गोष्ठी का आयोजन नगर के शादीपुर स्थित तिलक मैदान के सामने पीसीएमबी क्लासेस के सभागार में की गई। अध्यक्षता निर्देशिका चंद्रमुखी ने की तथा संचालन वरिष्ठ पत्रकार डॉ. सुरेश कुमार कर रहे थे। मुख्य अतिथि एक दैनिक समाचार पत्र के ब्यूरो चीफ प्रशांत कुमार ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का जीवन प्रेरणा से भरा हुआ है। उन्होंने कहा कि जब भी कोई जिंदगी में परेशानी हो, तो महापुरुषों की जीवनी को याद कर हम उस परेशानी को टाल सकते हैं। महापुरुषों की जीवनी जीवन में नई ऊर्जा का संचार करती हैं। महापुरुषों की जीवनी से सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है।

चार्ली चैपलिन 2 हीरो राजन कुमार ने कैसे चार्ली चैपलिन बने बंदर की भूमिका निभाते हुए उन्होंने समझाया। उन्होंने कहा कि कला जीवन के कई नए आयाम खोल देते हैं। निर्देशिका चंद्रमुखी ने कहा कि 1974 में भारत द्वारा पहले मूल परमाणु परीक्षण के बाद दूसरी बार 1998 में भारत के पोखरण द्वितीय परमाणु परीक्षण में एक निर्णायक, संगठनात्मक, तकनीकी और राजनीतिक भूमिका निभाते हुए डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने पूरे विश्व में भारत का नाम परमाणु परीक्षण कर स्थापित किया।

आभा प्रियदर्शी ने कहा कि 2002 में वे भाजपा और कांग्रेस दोनों के समर्थन से राष्ट्रपति बने और 5 वर्ष बाद वह अपने नागरिक जीवन में लौटते हुए शिक्षा, लेखन और सार्वजनिक सेवा में अपने आप को लगाया। तेजस्विनी ने कहा कि उन्हें भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कार से नवाजे गए। नितिन सुकुमार ने कहा कि अखबार बेचने से शुरू की गई जिंदगी, मिसाइल मैन और राष्ट्रपति बनने तक का सफर जीवन में बहुत कुछ सीखने का मौका प्रदान करता है। उनके जीवन से हमें प्रेरणा लेना चाहिए। मौके पर दीक्षा कुमारी, शौर्य शेखर, रूद्र, राजलक्ष्मी, सुप्रिया, आयुष, नवनीत, आहिल, मुस्कान, रूद्र वीर एवं ऋषि सहित अन्य थे।