जिला पदाधिकारी ने की संभावित बाढ़ 2020 की पूर्व तैयारी से संबंधित समीक्षात्मक बैठक,जिले में बाढ़ प्रभावित अंचलों में है 48000 परिवार,
मुंगेर ।आज संग्रहालय सभागार में संभावित बाढ़ 2020 की पूर्व तैयारी से संबंधित समीक्षात्मक बैठक जिला पदाधिकारी राजेश मीणा की अध्यक्षता में की गई । उन्होंने बताया कि वर्षा मापक यंत्र सभी प्रखंडों में कार्यशील है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के सभी अंचलाधिकारी को निर्देशित किया गया है कि प्रभावित क्षेत्रों के संकटग्रस्त समूहों को पहचान कर उनका सत्यापन कर ले। साथ ही साथ पंचायत एवं गांव स्तर पर उपलब्ध संसाधनों यथा सरकारी एवं निजी नाव , जरनेटर, पेट्रोमैक्स, टेन्ट, पॉलिथीन बैग, खाली सीमेंट की बोरियां आदि का मानचित्र करने का भी निर्देश दिया गया। उन्होंने बताया कि गंगा नदी के किनारे बसे प्रखंड धरहरा से बरियारपुर तक जल स्तर वृद्धि होने के कारण कटाव क्षेत्रों में चौकीदार एवं होमगार्ड प्रतिनियुक्ति पर निगरानी करने का निर्देश दिया गया। इससे पूर्व कार्यपालक अभियंता बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल भागलपुर एवं सदर अनुमंडल पदाधिकारी के संयुक्त निरीक्षण कर प्रतिवेदन समर्पित करेंगे। बाढ़ प्रभावित टोला, गांव ,पंचायतों में होर्डिंग/ बैनर आदि के माध्यम से क्या करें और क्या ना करें संबंधित प्रचार-प्रसार करने निर्देश जिला जनसंपर्क पदाधिकारी को दिया गया। 45 सरकारी ना एवं 81 शरण स्थल को चिन्हित किया गया है। आपदा प्रबंधन प्रभारी ने बताया कि 4 एफ आर पी मोटरबोट उपलब्ध हैं। सिविल सर्जन को निर्देश दिया गया सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर सांप काटने का दवा कोलोरीन टेबलेट , ओआरएस घोल, हाइलोजन टेबलेट , ब्लीचिंग पाउडर आदि का पर्याप्त भंडार कर लिया जाए।सभी शरण स्थलों पर मेडिकल टीम का गठन भी कर लें। इसी प्रकार जिला पशुपालन पदाधिकारी पशुओं के लिए आवश्यक दवाओं का भंडारण करने का निर्देश दिया गया। कार्यपालक अभियंता पीएचईडी स्थलों में पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराने को कहा। चापाकल बोरिंग एवं अन्य जल स्रोतों का मरम्मति करने का निर्देश दिया गया। इसी प्रकार सड़कों की मरम्मत खाद्यान्न भंडारण, गोताखोरों का प्रशिक्षण, नियंत्रण का कक्ष( 06344 22 2660 ) की स्थापना आकस्मिक फसल योजना का सूत्रण आदि का निर्देश संबंधित पदाधिकारियों को दिया गया। गौरतलब है कि आज गंगा का जल स्तर ,33.88 है। मुंगेर जिले में बाढ़ प्रभावित अंचलों में 48000 परिवार हैं। जिला आपातकालीन संचालन केंद्र कार्यशील है। अंचल स्तर पर भी नियंत्रण कक्ष बनाए गए हैं। सभी नामों पर तख्ती लगा होना चाहिए जिसपर लिखा हो यह राज्य सरकार की ओर से निशुल्क सेवा है। बैठक में अपर समाहर्ता विद्यानंद सिंह, उप विकास आयुक्त संजय कुमार, सिविल सर्जन के पुरुषोत्तम, सभी अनुमंडल पदाधिकारी, प्रभारी आपदा रतन, जिला पशुपालन पदाधिकारी, सभी अंचलाधिकारी आदि उपस्थित थे।