पूर्णिया की बेटी सहरसा की बहू स्वर्ण पदक पाकर बिहार का नाम किया रौशन,वाटर कलर, आयल कलर और चारकोल में भी पेंटिंग में है रुचि,
“मदर एंड चाइल्ड ” व ” स्पिरिट ऑफ़ हैप्पीनेस ” है, उनकी चर्चित पेंटिंग,
मुंगेर।
पूर्णिया की बेटी सहरसा की बहू प्रज्ञा रंजन ने बिंदास आर्ट गैलरी द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक पाकर बिहार का नाम रौशन किया है। वाटर कलर, आयल कलर और चारकोल से पेंटिंग में रुचि है और “मदर एंड चाइल्ड ” व ” स्पिरिट ऑफ़ हैप्पीनेस ” है, उनकी चर्चित पेंटिंग है।
बिहार के पूर्णिया में पली बढी स्वर्गीय प्रदीप केशरी पुत्री सहरसा के रितेश कुमार के साथ परिणय सूत्र में बंधी, प्रज्ञा रंजन ने बताया कि उन्हें पेंटिंग का शौक बचपन से ही है। वे वाटर कलर, आयल कलर और चारकोल में भी पेंटिंग करती है। उसकी पसंदीदा माध्यम वाटर कलर है और इसमें ही ज्यादा काम करती है। उन्होंने बताया कि उनकी पेंटिंग का शीर्षक “मदर एंड चाइल्ड ” है। इस चित्र को वाटर कलर माध्यम में बनाई है। इस चित्र में उन्होंने मांं और बच्चे का निःश्छल प्रेम दिखाना चाहती है।
उन्होंने कहा कि उनकी दूसरे पेंटिंग का शीर्षक ” स्पिरिट ऑफ़ हैप्पीनेस ” है। इस चित्र को वाटर कलर माध्यम में बनाई है। इस पेंटिंग से वाह बच्चे की मुस्कान से याद दिलाना चाहती है कि जीवन में कितनी भी कठिनाइयां हैं, पर अगर चेहरे पर मुस्कुराहट है, हंसी है तो सभी चीज खूबसूरत लगने लगती है। उन्होंने बताया कि नेशनल और इंटरनेशनल लेवल के कंपटीशन में भाग लिया है। उन्हों इंटरनेशनल कंपटीशन जो बिंदास आर्ट गैलरी ( BAG ) द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक प्राप्त हुआ है, जिसमें 30 देशों के कलाकारों ने भाग लिया था। इंटरनेशनल वाटर कलर सोसाइटी ( IWS ) में भी उनकी पेंटिंग चयनित हुई हैै और वाटर कलर पेंटिंग शिलांग में प्रदर्शित हुई। आर्ट एंड कल्चरल फाउंडेशन द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में भी उन्हें सिल्वर मेडल मिला है। इसके अलावा उन्होंने कई जगह अपनी कला को प्रदर्शित किया है। इन्होंने प्राचीन काला केंद्र से चित्र विशारद की है।