शिक्षा विभाग के अधिकारियों की उदासीन रवैये का दंश झेल रहा है भलुआ गांव प्राथमिक विद्यालय,
जर्जर हो चुका है विद्यालय भवन,
संग्रामपुर।
प्रखंड के ददरीजाला पंचायत अंतर्गत भलुआ गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय विगत कई वर्षों से शिक्षा विभाग के अधिकारियों की उदासीन रवैये का दंश झेल रहा है। राज्य सरकार का शिक्षा विभाग सूबे के सरकारी विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था के स्तर में सुधार लाने को लेकर नित्य नए नए कवायद में लगी है। इसके लिए सूबे के विद्यालयों में बैंच डेस्क, किताबें, खेल सामग्री, मध्याह्न भोजन सहित शिक्षा से जुड़ी अन्य कई तरह के संसाधन विद्यालयों में मुहैया करायी जा रही हैं, तो दूसरी ओर इससे इतर शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों के उदासीनता के कारण उक्त गांव के प्राथमिक विद्यालय के छात्र जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर हैं।
कहते हैं लोग :-
स्थानीय ग्रामीण गुड्डू सिंह बल्ली सिंह सुरेंद्र यादव आदि ने बताया कि विद्यालय का भवन काफी पुराना होने के कारण जर्जर हो गया है। जिससे विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों सहित छात्र छात्राओ एवं अभिभावकों के जेहन में डर बना रहता है। इस विद्यालय में वर्ग प्रथम से लेकर पाँच तक की पढ़ाई होती हैं। उक्त विद्यालय में कुल 114 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं। जिन्हें शिक्षा देने के लिए विद्यालय में प्रधानाध्यापक सहित 2 शिक्षक एवं 1 टोला सेवक नियुक्त है। इस दो मंजिला विद्यालय में वर्ग कक्ष की दीवारों में जगह जगह दरारे पड़ गई है। विद्यालय के छत जगह-जगह टूट जाने के कारण सरिया साफ दिखाई देता है। विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने बताया कि डरे सहमे पिछले कई वर्षों से दुर्घटना की आशंका से भयभीत हो पठन पाठन को विवश हैं।
कहते हैं शिक्षक व प्रधानाध्यापक :-
शिक्षकों ने बताया कि अगर जल्द ही इस विद्यालय के जर्जर भवन की दिशा में कोई कारगर पहल शिक्षा विभाग द्वारा नहीं किया गया तो कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है। इस समस्या को लेकर विद्यालय के प्रधानाध्यापक जगरूप रविदास ने बताया कि विद्यालय में जर्जर भवन की समस्या को लेकर जिला से लेकर प्रखंड स्तर के सभी वरीय पदाधिकारी को कई बार लिखित एवं मौखिक सूचना दिया गया है, बावजूद इसके इस दिशा में कोई कारगर प्रयास नहीं होने से समस्या जस की तस बनी हुई है।