जापान की धरती पर बिहारियों ने निकाली कांवर यात्रा, बांग्लादेश व नेपाल के हिंदू भी हुए शामिल,
बोल बम के नारों से गूंजा टोकियो,
संग्रामपुर।जापान की धरती पर बिहारियों ने पहली बार धूमधाम से कांवडर यात्रा निकाली। भोलेनाथ की भक्ति में सभी भक्त रमे हुए हैं। हर तरफ शिव के भजन एवं मंत्र से वातावरण चहुओर गुंजायमान हो रहा है। देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बाबा भोलेनाथ के भक्त सावन के पावन महीने में बाबा भोलेनाथ की भक्ति रूपी सागर में डुबकी लगा रहे हैं। जिसका उदाहरण जापान की राजधानी टोक्यो में देखने को मिल रहा है। सावन में होने वाली कांवड़ यात्रा की चर्चा विदेशों में भी सुर्खियां बटोर रही है। रविवार के दिन फुनाबोरि ईसकोन टेम्पल टोक्यो में पहली बार बिहार फाउंडेशन की अगुवाई में भारतीय दूतावास से आए डेप्युटी ऐम्बैसडर श्री मयंक जोशी को बिहार फ़ाउंडेशन की तरफ़ से ज्योति एवं अपराजिता ने तिलक लगा कर स्वागत कर कांवर यात्रा का विधिवत शुभारंभ कराया।

इस अवसर पर श्री जोशी ने बिहार फ़ाउंडेशन की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि कावड़ यात्रा एक अनुष्ठान है जिसमें कर्मकांड के जटिल नियम के स्थान पर भावना की प्रधानता होती है। जिसके फलस्वरूप इस श्रद्धा-कर्म के कारण महादेवजी की कृपा शीघ्र मिलने की स्थिति बनती है। यह प्रवास-कर्म व्यक्ति को स्वयं से, समाज से व अपने देशवासियों से परिचित करवाता है। बिहार फ़ाउंडेशन जापान के अध्यक्ष आनंद विजय सिंह ने सन्मार्ग को कि हम सब के प्रयास से विदेश में भी रहकर भारत के सनातन धर्म को जीवंत रखने की यह पहल की गई है। इस काँवर यात्रा में जापान में रह रहे समस्त भारतीय मूल के प्रवासीयों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया हैं। इतना ही नहीं जापान में रह रहे बांग्लादेश के हिंदुओं और नेपाल के हिंदुओं के द्वारा भगवान शिव के प्रति अपनी आस्था का बख़ूब परिचय दिया काँवर यात्रा को लेकर निभाती हुई नजर आयी! फ़ाउंडेशन के सचिव श्री विकास रंजन ने बताया कि विशेषकर जापान में बांग्लादेश के रहने वाले लोगों ने कांबर यात्रा ने अपना अहम योगदान निभाया। काँवर यात्रा के शुभारंभ को लेकर मुख्य अतिथि श्री मयंक जोशी डेप्युटी अम्बेस्ट्र भारतीय दूतावास टोक्यो, आनंद विजय सिंह चेयरमैन, सचिव विकास रंजन, डेप्युटी चेयरमैन मुकेश गुप्ता, सहित ज्योति किरण अपराजिता विनोद यादव मुकेश सिंह अरविंद कुमार शंभु अभिषेक पल्लव विवेक कुमार रविंद्र कुमार वर्तिका शरण आदि शामिल हुए।