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राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम : जिले के दो बच्चों को स्क्रीनिंग के लिए भेजा गया पटना, 

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राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम : जिले के दो बच्चों को स्क्रीनिंग के लिए भेजा गया पटना, 

मुंगेर। 

 राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत डिस्ट्रिक्ट अर्ली इंटरवेंशन सेंटर मुंगेर के द्वारा दो बच्चों मो. माहिर और रुपाली कुमारी को बुधवार की सुबह स्क्रीनिंग और बेहतर  इलाज  के लिए राजधानी पटना स्थित इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान रेफर किया गया। इसके साथ ही एक और बच्चा हवेली खड़गपुर के प्रसंडो गांव के रहने वाले शरदेंदु शेखर कुमार के  18 महीने के  पुत्र पृथ्वीराज सिंह को जमुई से सीधे पटना के लिए रेफर किया गया । 

कहते हैं पदाधिकारी :

जिला स्वास्थ्य समिति के जिला कार्यक्रम प्रबंधक नसीम रजि ने बताया कि  सदर अस्पताल परिसर से दो बच्चों 7 वर्षीय रुपाली कुमारी और सात महीने के  मो. माहिर को स्क्रीनिंग और बेहतर इलाज  के लिए सरकारी एम्बुलेंस से पटना स्थित इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान रेफर किया गया है।  एक बच्चा पृथ्वीराज सिंह जो हवेली खड़गपुर का रहने वाला था वो जमुई से ही सीधे पटना चला गया । उन्होंने बताया कि इनमें से एक बच्चा सदर प्रखंड मुंगेर के गुलालपुर का रहने वाले मो. इरशाद अंसारी और रोशनी बानों का 7 महीने का पुत्र मो. माहिर हृदर रोग से ग्रसित है उसे पिछले 21 दिनों से सदर अस्पताल परिसर स्थित पोषण एवं पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में रखकर उसका सही इलाज और उचित देखभाल किया गया और सब कुछ ठीक रहने के बाद स्क्रीनिंग और बेहतर इलाज के लिए आईजीआईएमएस रेफर किया गया है।  स्क्रीनिंग के बाद सर्जरी की आवश्यकता होने पर उस बच्चे का मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के द्वारा बिहार से बाहर अहमदाबाद में सरकारी खर्चे पर मुफ्त ऑपरेशन कराया जाएगा। 

  सरकार का एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है आरबीएसके :-

आरबीएसके मुंगेर की  नोडल अधिकारी डॉ. बिंदू ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम सरकार का एक महत्वपूर्ण इनिशिएटिव है जो 0 से 18 वर्ष के बच्चों के 4 ‘ डी ‘ के अर्ली आइडेंटिफिकेशन और अर्ली इंटरवेंशन को लक्ष्य कर कार्य करता है। 0 से 18 वर्ष के बच्चों में पाए जाने वाले ये चार बीमारी डिफेक्ट एट बर्थ अर्थात जन्मजात दोष, डिफिशिएंसी अर्थात कमी, एनी डिजिज कोई बीमारी, और डेवलपमेंट डीले  या डिसेबिलिटी अर्थात विकास में देरी या दिव्यांगता । इस प्रकार से देखा जाय तो आरबीएसके एक ऐसा कार्यक्रम है जो बच्चों के सम्पूर्ण विकास को लेकर काम करता है ताकि बच्चे अपने सम्पूर्ण क्षमता का उपयोग कर समाज और राष्ट्र की  सेवा के लिए तैयार हो सकें ।

बच्चों को क्यों भेजा गया पटना :-

उन्होंने बताया कि पटना रेफर की जाने वाली 7 वर्षीय रुपाली कुमारी, धरहरा प्रखण्ड के बरमसिया गांव निवासी सरवन कोरा की बेटी है। इसको जन्मजात मोतियाबिंद की बीमारी है।  सदर प्रखंड के गुलालपुर गांव निवासी मो.इरशाद अंसारी और रोशनी बानों का 7 महीने का पुत्र मो.माहिर हृदय में छेद जैसी बीमारी से ग्रसित है। दोनों बच्चों को स्क्रीनिंग और बेहतर इलाज के लिए बुधवार की अहले सुबह डीईआईसी मुंगेर के स्पेशल एजुकेटर निशांत कुमार ने सरकारी एम्बुलेंस से पटना रवाना किया । वहीं हवेली खड़गपुर के प्रसंडो के रहने वाले शरदेंदु शेखर कुमार का 18 महीने का पुत्र पृथ्वीराज सिंह जमुई से ही पटना रेफर किया गया ।

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