सड़क दुर्घटना में मरे लोगो के आश्रितो व घायलों के मुआवजा के लिए जिले में प्रावधान लागू,थर्ड पार्टी इंश्योरेश की राशि बीमा कंपनी से की जाएगी वसूली, इंश्योरेंश नही होने पर वाहन मालिक करेंगे भुगतान,
मुंगेर।
राज्य सरकार ने सड़क दुर्घटना में मृतको के आश्रितों अथवा घायलो को तत्काल मुआवजा देने लिए नियमावली में संशोधन किया है। जिले में इसे लागू कर दिया गया है।
नई नियमावली के तहत मृतको के आश्रितों को तत्काल 05 लाख व गंभीर रूप से घायलों को 50 हजार रूपये की अंतरिम सहायता राशि दी जाएगी। राशि का भुगतान तत्काल बिहार वाहन दुर्घटना सहायता निधि से किया जाएगा। वाहनों का थर्ड पार्टी इंश्योरेंश होने पर राशि की वसूली बीमा कम्पनी से की जाएगी और इंश्योरेंस नही होने पर वाहन मालिकों को राशि का भुगतान करना होगा। वाहन मालिकों द्वारा 30 दिनों के भीतर राशि का भुगतान नहीं करने पर उनके वाहनों की नीलामी कर मुआवजे की राशि वसूली जाएगी। नीलामी की राशि मुआवजे की राशि से कम होने पर नियमानुसार वाहन मालिकों की चल-अचल संपति नीलाम कर राशि वसूली जाएगी। वसूल की गयी राशि बिहार वाहन दुर्घटना सहायता निधि के खाते में सामंजित की जाएगी।कहां देना होगा आवेदन :-नई नियमावली के तहत तत्काल राशि के भुगतान के लिए बिहार मोटर गाड़ी (संशोधन-1) नियमावली में प्रावधान किया गया है। इसे 15 सितम्बर 2021 से लागू कर दिया गया है। इसके तहत भुगतान के लिए संबंधित अनुमंडलों के अनुमंडल पदाधिकारी को दुर्घटना दावा जांच पदाधिकारी तथा जिला पदाधिकारी को दुर्घटना दावा मूल्यांकन पदाधिकारी बनाया गया है। मुआवजा लेने के लिए आश्रितों अथवा घायलो को विहित प्रपत्र में सभी आवश्यक कागजातो के साथ अनुमंडल पदाधिकारी के यहाॅ आवेदन देना होगा। मृतक अथवा घायलो के आश्रितों को यह प्रमाणित करने की आवश्यकता नही होगी कि दुर्घटना किसकी लापरवाही से हुई है। अनुमंडल पदाधिकारी बीमा कम्पनी के प्रतिनिधि के साथ बैठक कर दावा का निष्पादन करेंगे और जिला पदाधिकारीके यहां आवेदन अग्रसारित करेंगे। जिला पदाधिकारी मुआवजे की स्वीकृति देंगे और जिला परिवहन पदाधिकारी (डीटीओ) आश्रितों को मुआवजे की राशि का भुगतान करेंगे। इसके लिए एक हफ्ते के भीतर थानाध्यक्ष, मेडिकल अफसर और एमवीआई को दुर्घटना से संबंधित जांच प्रतिवेदन एसडीओ को सौंप देना होगा।
दावा न्यायाधिकरण का गठन, हिट एण्ड रन में भी होगा भुगतान :-बीमा कम्पनियों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए दावा न्यायाधिकरण का गठन किया गया है। बीमा कम्पनियों द्वारा मुआवजा राशि नही देने पर जिला परिवहन पदाधिकारी न्यायाधिकरण में जायेंगे। न्यायाधिकरण 60 दिनों के भीतर अपना फैसला सुनाएगा। हिट एण्ड रन यानि दुर्घटना के बाद चालको द्वारा वाहन लेकर भाग जाने अथवा अज्ञात वाहन होने की स्थिति में भी आश्रितों अथवा घायलों को मुआवजा राशि दी जाएगी। इस स्थिति में सोलेसियम फण्ड से राशि का भुगतान किया जाएगा।आवेदन आदि की प्रक्रिया पहले की तरह ही होगी। नई नियमावली 15 सितम्बर से लागू कर दी गयी है। इससे मृतकों के आश्रितों अथवा घायलों को तत्काल सहायता राशि उपलब्ध करायी जा सकेगी। वाहनों का बीमा नही होने पर वाहन मालिकों को मुआवजे की राशि के बराबर का भुगतान करना होगा। नही देने पर वाहनों की नीलामी कर राशि वसूली जाएगी। राशि कम होने की स्थिति में सम्पति नीलाम कर वसूली की जा सकती है।