मुंगेर हेल्थ टिप्स

सभी प्रसूति महिलाओं को स्तनपान के लिए प्रेरित करें स्टाफ नर्स और ममता : सिविल सर्जन, विश्व स्तनपान सप्ताह :  ” स्तनपान की सुरक्षा एक साझा जिम्मेदारी” विषय पर जिलास्तरीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन,

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 सभी प्रसूति महिलाओं को स्तनपान के लिए प्रेरित करें स्टाफ नर्स और ममता : सिविल सर्जन, विश्व स्तनपान सप्ताह :  ” स्तनपान की सुरक्षा एक साझा जिम्मेदारी” विषय पर जिलास्तरीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन,
मुंगेर।  सदर अस्पताल के लेबर रूम , ऑपरेशन थियेटर, मैटरनिटी वार्ड, कंगारू मदर केयर में आने वाली सभी प्रसूति महिलाओं को शिशु के जन्म के एक घन्टा के अंदर स्तनपान कराने के लिए प्रेरित करें स्टाफ नर्स और ममता । उक्त बातें सदर अस्पताल परिसर स्थित एएनएम स्कूल सभागार में विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान आयोजित जिलास्तरीय उन्मुखीकरण कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए मुंगेर के सिविल सर्जन डॉ. हरेन्द्र आलोक ने कही। उन्होंने बताया कि शिशु के जन्म के एक एक घंटा के अंदर मां का गाढ़ा पीला दूध पिलाने से शिशु में रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती  है। शिशु को निमोनिया, डायरिया जैसी बीमारियों से भी सुरक्षा मिलती है। स्तनपान से क्या है फायदा :- जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम नसीम रजि ने बताया कि  शिशु के छह महीने की आयु तक माताओं को सिर्फ और सिर्फ अपना स्तनपान ही कराना चाहिए। इस दौरान शिशु को अलग से पानी देने की भी आवश्यकता नहीं होती है, क्योंकि मां के स्तनपान से ही शिशु को उसके लिए आवश्यक पानी की मात्रा की पूर्ति हो जाती है। इस दौरान अलग से पानी पिलाने और कुछ खिलाने-पिलाने से शिशु को निमोनिया और दस्त होने का खतरा बढ़ जाता है। शिशु के छह महीने का होने के बाद ही मां के स्तनपान के साथ आहार के रूप में हल्का खाना जैसे खिचड़ी, दलिया, हलवा आदि देना चाहिए। दूध की बोतल मुक्त बनेगा सदर अस्पताल :- अस्पताल प्रबंधक तौसीफ हसनैन ने बताया कि उन्मुखीकरण कार्यशाला में उपस्थित स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारियों के अलावा सदर अस्पताल के लेबर रूम, ऑपरेशन थियेटर, मैटरनिटी वार्ड, कंगारू मदर केयर, एनआरसी, एसएनसीयू में कार्यरत सभी डॉक्टर, स्टाफ नर्स और ममता ने सदर अस्पताल को दूध की बोतल मुक्त बनाने को ले जारी घोषणा पत्र का पाठ कराया गया। इसके अनुसार उपस्थित सभी लोगों ने नवजात शिशु एवं बच्चों को दूध पिलाने की सर्वोत्तम प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने, अपने अस्पताल परिसर में दूध की बोतल की बिक्री और उपयोग के लिए प्रतिबंधित क्षेत्र बनाने की  घोषणा की । इसके साथ ही सभी लोगों ने बच्चों को छह माह तक सिर्फ स्तनपान कराने और उसके के बाद बच्चों को उसके उम्र के अनुसार ऊपरी आहार के साथ -साथ कम से कम दो वर्ष तक स्तनपान जारी रखने के समर्थन का भी वादा किया। 
इस अवसर पर डीपीसी विकास कुमार, केयर इंडिया के डीटीओ ऑन तबरेज आलम, लेबर रूम इंचार्ज सिस्टर नीतू और एएनएम स्कूल मुंगेर की प्राचार्य ने भी उपस्थित सभी एएनएम, स्टाफ नर्स और ममता को स्तनपान के महत्व और शिशु के सर्वांगीण विकास में स्तनपान की भूमिका के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

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