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प्रबंधक एवं ग्राहकों के बीच गोष्ठी का आयोजन,

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प्रबंधक एवं ग्राहकों के बीच गोष्ठी का आयोजन,
 संग्रामपुर। रामधनी भगत स्मृति भवन में मुंगेर चेंबर ऑफ कॉमर्स शाखा संग्रामपुर के सौजन्य से स्टेट बैंक के प्रबंधक एवं ग्राहकों के बीच विभिन्न ऋण योजनाओं के सबंध में जानकारी को लेकर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में अपनी बात रखते हुए चेंबर ऑफ कॉमर्स शाखा संग्रामपुर के अध्यक्ष मनोज शाह ने कहा कि स्टेट बैंक खुलने से संग्रामपुर के व्यवसायियों को जो सुविधा मिलनी चाहिए, वह नहीं मिल पा रही है। नये शाखा प्रबंधक चन्द्रशेखर कुमार द्वारा ग्राहकों के साथ विचार विमर्श कर व्यवस्था में सुधार का जो प्रयास प्रारंभ किया गया है, वह स्वागतयोग्य है। उन्होंने कहा कि बैंक से पैसा  निकालने और जमा करने में काफी परेशानीयों का सामना करना पड़ता है। इसके लिए अलग से काउंटर की व्यवस्था के साथ साथ एटीएम की संख्या भी बढ़ाई जानी चाहिए। छोटे एवं मध्यय्म तबके के व्यवसायियों को मुद्रा लोन सरल तरीके से मिले। बैंक प्रबंधक द्वारा सभी व्यवसायियों की बातों को सुनकर  आश्वासन दिया कि ग्राहकों की हर जायज मांगों पर बैंंक पूूरी गंभीरता से विचार कर उसका समाधान करेगी। मुद्रा लोन के लिए व्यापारी बैैंक कार्य दिवस पर सीधे उनसे आकर मिलेें। जरूरी कागजी प्रक्रिया को पूरी कर कर मुद्रा लोन प्राप्त कर सकते हैं। 5 लाख तक के लोन के लिए केवाईसी पोर्टल पर  रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। सारी प्रक्रियाएं ऑनलाइन हैं। इन्हें आप कहीं से भी कर सकते हैं। 10 लाख तक के लोन के लिए जीएसटी,आईटी रिटर्न प्रस्तुत करना होगा। इसमें किसी भी तरह के जमीन बंधक की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। 10 लाख से ज्यादा लोन प्राप्त करने के लिए जमीन मॉर्गेज या लिक्विड मनी डिपॉजिट की आवश्यकता पड़ेगी। कोई महिला उद्यमी अगर कुटीर उद्योग लगाना या व्यापार करना चाहती हैं, तो सरकार द्वारा उन्हें एक करोड़ तक का लोन सरल तरीके से उपलब्ध कराने का प्रावधान है। इसके लिए बहुत भागदौड़ करने या ऑफिस आदि का चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। फुटकर दुकानदारों के लिए प्रधानमंत्री द्वारा 10 हजार तक के लोन की व्यवस्था की गई है। उसका भी लााभ फुटकर व्यवसायी उठा सकते हैं। मौके पर चेंबर सचिव पशुपतिनाथ भगत ,वापी भगत, सोनू केसरी, अमित भगत, अखिलेश गुप्ता, नीलाभ भगत, सुदीप भगत, अरुण केसरी, सागर कुमार, कैलाश सिंह ,अनिल भगत, मणिशंकर केसरी, जितेंद्र झा, आदि  थे।

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