विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला पर पिछले दो साल से जारी हैं कोरोना का कहर,
कांवर के घुघरू और शिव भजन से गुलजार रहने वाला पथ व धर्मशाला सन्नाटे में तब्दील,
संग्रामपुर।
कोरोना संक्रमण का असर देश के आर्थिक स्थिति के साथ साथ आध्यात्मिक जीवन पर भी पड़ा हैं। कोरोना संक्रमण के इस दौर में देश के लगभग सभी धार्मिक स्थलों का पट बंद हैं। विदित हो कि विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला पर पिछले दो साल से कोरोना का कहर जारी हैं। जिसका खामियाजा आज देश विदेश के लाखों शिव भक्तों से लेकर कच्ची काँवरिया पथ पर स्थित उन दुकानदारों को भुगतना पड़ रहा है जो एक महीने की कमाई से पूरे साल अपने घर स्वजनों का भरण पोषण करते थे। बताते चलें कि प्रखंड क्षेत्र अन्तर्गत पड़ने वाले 26 किलोमीटर कच्ची काँवरिया पथ जो सावन माह में केसरिया रंगों से पटा रहता था। कांवर के घुघरू और शिव भजन से पूरे सावन महीने गुलजार रहने वाला आज वो कच्ची काँवरिया पथ पर सन्नाटा छाया हुआ हैं। कोरोना संक्रमण शिव भक्तों के आस्था और भक्ति पर तो चोट किया ही हैं। इसके अलावे प्रखंड के 26 किलोमीटर कच्ची काँवरिया पथ लगभग हजारों घरों के रोजी रोटी पर भी वार किया है। पिछले दो साल से इन परिवारों के समक्ष कोरोना आफत बन कर आई हैं। इस सम्बंध में प्रखंड उप प्रमुख कुमरसार गांव निवासी सचिन कुमार ने कहा कि कभी विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला में गुलजार रहने वाला कच्ची काँवरिया पथ व धर्मशाला आज वीरान पड़ा हैं। उन्होनें कहा कि कच्ची काँवरिया पथ के अलावे दूर दराज के लोगों का मात्र कमाई का जरिया कोरोना ने छीन लिया हैं। सबसे ज्यादा मजदूर तबके के लोगों को परेशानी हुई हैं। जो काँवरिया के अलावे धर्मशाला की साफ सफाई के साथ साथ पूरे एक महीने दुकानों में मजदूरी कर अपना गुजारा करते थे। कुल मिलाकर कोरोना संक्रमण कच्ची काँवरिया पथ पर वसे लोगों के लिए आफत बन कर आई हैं।
विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला पर पिछले दो साल से जारी हैं कोरोना का कहर,
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