पहाडी़ इलाका में असुरक्षित है जंगल एवं जानवर,आहार के लिए हिरण के बच्चे किया शिकार,
धरहरा।
सरकार जहां प्रकृति को सुरक्षित रखने के लिए खजाना खोल रखी है । धरहरा वन विभाग के कर्मी की उदासीनता के कारण धरहरा के पहाडी़ इलाका मे जंगल एवं जानवर असुरक्षित है । गुरुवार को लडै़याटाँड़ थाना क्षेत्र के लकड़कोला पहाडी़ इलाका से लकड़कोला के स्थानीय ग्रामीण ने एक हिरण के बच्चे को अहले सुबह मार डाला ओर इसे अपने आहार के लिए उपयोग करने हेतु लाया । जब तक वन विभाग को सूचना मिली तब तक हिरण के बच्चे का मांस को स्थानीय ग्रामीण बना रहे थे । वन विभाग के पदाधिकारियों ने मांस को जब्त कर अपने साथ लेते गए पर अभी तक हिरण के बच्चे का शिकार के अभियुक्तो की गिरफ्तारी नही हो पाई । हिरण के बच्चे का शिकार की खबर से वन विभाग के पहाड़ एवं पहाडी़ जंगली जानवरो की सुरक्षा पर एक सबालिया निशान है । सनद रहे कि धरहरा की भुगोलिक बनावट ऐसी है कि तीन तरफ से धरहरा प्रखंड प्रकृति धरोहर पहाडो़ एवं जंगल से घिरा है तो दुसरी तरफ माँ गंगा की अनुपम धारा इस वादी को घेरे हुए है जहाँ प्रकृति के गोद मे विभिन्न किस्म के जानवरो का वसेरा है ।सरकार इन्हे सुरक्षित नहीं रख सकी तो वन माफिया इस धरोहर को धीरे – धीरे खोखला कर देगी । समाज के बुद्धीजीवियो ने वनो की हिफाजत के लिए ईमानदार नौकरशाह को धरहरा के वन क्षेत्र में रखवाली करने की मांग की है ताकि जंगल ,जानबर ओर पहाड़ सुरक्षित रह सके ।
