खास खबर मुंगेर

जिला पदाधिकारी ने की कृषि विभाग अंतर्गत चल रहे तमाम योजनाओं की समीक्षा,
किसानों को नए तकनीकों के साथ खेती करने हेतु करें प्रेरित : डीएम,
जिले में 578 एकड़ पर 691 किसानों द्वारा किया जा रहा है जैविक खेती,
बिहार का पहला सोयाबीन मिल्क प्लांट जिले में है स्थापित,
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत जिले में 84000 आवेदन हुए प्राप्त,
जिले में प्रतिवर्ष 50000 क्विंटल मशरूम का हो रहा है उत्पादन, 

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जिला पदाधिकारी ने की कृषि विभाग अंतर्गत चल रहे तमाम योजनाओं की समीक्षा,
किसानों को नए तकनीकों के साथ खेती करने हेतु करें प्रेरित : डीएम,
जिले में 578 एकड़ पर 691 किसानों द्वारा किया जा रहा है जैविक खेती,
बिहार का पहला सोयाबीन मिल्क प्लांट जिले में है स्थापित,
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत जिले में 84000 आवेदन हुए प्राप्त,
जिले में प्रतिवर्ष 50000 क्विंटल मशरूम का हो रहा है उत्पादन, मुंगेर। समाहरणालय सभागार में कृषि टास्क फोर्स की बैठक हुई। जिला पदाधिकारी नवीन कुमार ने कृषि विभाग अंतर्गत चल रहे तमाम योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की। बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी सहित मत्स्य सिंचाई, आत्मा, भूमि संरक्षण उद्यान आदि के पदाधिकारी सम्मिलित हुए । उन्होंने कहा कि किसानों को मोटिवेट करते हुए परंपरागत खेती से उन्हें नए तकनीकों के साथ खेती करने हेतु प्रेरित करना हमारा मुख्य उद्देश्य होना चाहिए। जिससे कि उन्हें कम लागत से अधिकाधिक आर्थिक लाभ हो सके। उन्होंने इसके लिए कृषि समन्वयक कृषि सलाहकार तथा संबंधित कृषि एजेंसियों को निर्देशित किया। जिला कृषि पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि इन के माध्यम से प्रत्येक किसानों को नई तकनीक से जुड़ने हेतु प्रेरित करेंगे। इससे पूर्व कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञों द्वारा कृषिक कर्मियों को प्रशिक्षित भी किया जाएगा ।कृषि विज्ञान केंद्र  मौसम अनुकूल, जलवायु अनुकूल खेती करने के विभिन्न तरीके को बताएंगे ।समेकित खेती के बारे में भी जिला पदाधिकारी ने कहा कि इसे अधिक से अधिक प्रसारित करें। इससे किसानों को आर्थिक परेशानी का सामना करना नहीं पड़ेगा ।मछली पालन ,बत्तख, मुर्गी पालन को एक साथ करना समेकित खेती का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है ।जैविक खेती के प्रोत्साहन को लेकर उन्होंने निर्देश दिया कि किसानों को जानकारी दें कि यह अनुदान सहित योजना कितना लाभकारी है  इसकी मार्केटिंग एवं उत्पादन आय के संबंध में भी किसानों को बताएं  ।किसानों को सजग करना उन्हें प्रशिक्षित करने से जैविक खेती को बढ़ाया जा सकता है  मुख्य रूप से इस खेती में जिले में हरी सब्जी उगाया जाता है ।जिले में 578 एकड़ पर 691 किसानों द्वारा जैविक खेती किया जा रहा है ।इस संबंध में विस्तृत प्रतिवेदन की मांग संबंधित पदाधिकारी से की गई। जिला पदाधिकारी ने कहा कि जिले में खेती के नए आयामों की काफी संभावनाएं हैं। बिहार का पहला सोयाबीन मिल्क प्लांट जिले में स्थापित है।। निर्देश दिया गया कि सोयाबीन बीज की मांग विभाग से करें उन्होंने मडुआ, ज्वार ,बाजरा के उत्पादन को बढ़ाने का निर्देश दिया । 50 एकड़ लक्ष्य के विरुद्ध काफी कम क्षेत्र पर इसकी उत्पादन की जा रही है। सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी किसानों को इस बात हेतु प्रेरित करेंगे। उन्होंने इन अनाजों का आटा उत्पादन करने तथा इसके मार्केटिंग हेतु आईटीसी से समन्वय स्थापित करने का निदेश दिया। फसल अवशेष प्रबंधन के तहत जिले में पराली जलाने की कोई सूचना प्राप्त नहीं है ।किसानों को योजना का लाभ मिलने में एलपीसी को लेकर यदि विलंब होता है तो निराकरण हेतु इसकी सूचना तत्काल ही अपर समाहर्ता को दें ।भूमि संरक्षण पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि चेक डैम बनाने से पूर्व स्रोत लाभान्वित क्षेत्र एवं किसानों की खेती पर प्रभाव का पूर्ण आकलन कर लें ।उन्होंने निर्देश दिया की बीज वितरण से पूर्व लोगों को सूचित करें। तथा स्वच्छ एवं पारदर्शी तरीके से बीज का वितरण करें। आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को तथा योग पात्रों के बीच में बीज का वितरण करें ।उर्वरक वितरण में भी विक्रेताओं के पास सूचना बोर्ड रहनी चाहिए ।जिस पर मूल्य तालिका स्पष्ट रूप से अंकित रहे ।साथ ही स्टॉक पंजी संधारित रहे तथा पोस मशीन से वितरित किया जाए। किसान सलाहकार एवं समन्वयक गांव में घूम घूम कर किसानों को खेती के तमाम योजनाएं के बारे में बताएंगे ।प्रत्येक किसान समन्वयक एवं सलाहकार को कार्य लक्ष्य देने का निर्देश जिला कृषि पदाधिकारी को दिया गया  प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 84000 अब तक आवेदन प्राप्त हुए हैं। निर्देश दिया गया कि अधिक से अधिक सभी निबंधित किसानों को इस योजना से जोड़ा जाए ।बागवानी के तहत जिले के 4 प्रखंडों में चार नर्सरी है ।परियोजना निदेशक आत्मा ने बताया कि मुंगेर में प्रतिवर्ष 50000 क्विंटल मशरूम का उत्पादन छोटे-छोटे किसानों द्वारा किया जाता है। निर्देश दिया गया कि बड़े किसानों से बातचीत कर एवं समन्वय स्थापित कर मशरूम उत्पादन में वृद्धि एवं मार्केटिंग को बढ़ाएं ।सिंचाई प्रबंधन की समीक्षा करते हुए भी उन्होंने कार्यपालक अभियंता डकरा नाला प्रोजेक्ट एवं तारापुर सिंचाई प्रमंडल को निर्देश दिया की सभी किसानों के खेतों को सिंचाई व्यवस्था सुनिश्चित करें। इस हेतु विस्तृत कार्य योजना बनाएं ।टेटिया बंबर और धरहरा में आंशिक रूप से ही सिंचाई प्रमंडल द्वारा खेती हो पाती है वहां विकल्प के रूप में नलकूप का सहारा लिया जाता है ।इस पर निर्देश दिया गया कि विशेष कार्य योजना एवं विकल्प के साथसिंचाई  व्यवस्था को बहाल करें इसके अतिरिक्त मत्स्य पशुपालन और विकास के विभिन्न योजनाओं की की गई ।

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