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राष्ट्रीय लोक अदालत में तीन करोड़ से अधिक राशि का हुआ सेंटलमेन्ट, 529 वादों में 464 वादों का निपटारा जिसमें बैंकिंग मामलों कि संख्या 392,

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राष्ट्रीय लोक अदालत में तीन करोड़ से अधिक राशि का हुआ सेंटलमेन्ट, 529 वादों में 464 वादों का निपटारा जिसमें बैंकिंग मामलों कि संख्या 392,

मुंगेर।वर्ष 2021 में  पहली बार  वर्चुअल मध्यम से राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन 10 जुलाई को  सम्पन्न हुई । जिसमें 529 वादों में सुनवाई हुई और आपसी सहमति के आधार पर 464       वादों का निष्पादन हुआ और 3 करोड़ 21 लाख 11 हजार 295 रूपये राशि का सेटंलमेन्ट किया गया ।जिसमें बैंकिंग  मामलों कि संख्या 392 है ।राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार एवं बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकार मुंगेर के तत्वावधान में  वर्चुअल माध्यम से राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन हुआ ।राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए चार बेंच  बनाये गये थे ।
चार बेंच में कौन थें पीठासीन पदाधिकारी :-बेंच संख्या एक के पीठासीन पदाधिकारी एडीजे द्धितीय महेश कुमार , बेंच संख्या दो के एडीजे छह प्रशांत कुमार , बेंच संख्या तीन के एसीजेएम प्रथम अखिलेश पांडेय एवं बेंच संख्या चार के पीठासीन पदाधिकारी प्रथम श्रेणी मैजिस्ट्रेट विमलेश कुमार थे  ।
सिंडिकेट बैंक ने एक ही मामले में दो बार दायर किया था नीलाम वाद :-तोपखाना बाजार महल्ला के  रहनेवाले  प्रकाश कुमार ने वर्ष  2006 में सिंडिकेट बैंक से कर्ज लेकर टैक्सी खरीदी थी ,  तीन माह के अंदर ही इंजन एवं बैटरी खराब हो गई । पीड़ित ने बैंक एवं एजेंसी से शिकायत भी किया । बैंक ने एक्शन नहीं ली । फिर उसी मामले में बैंक ने दो बार  प्रकाश कुमार के विरुद्ध नीलाम वाद लाया था । पीठासीन पदाधिकारी के पहल से प्रकाश को  आज समस्याओं से मुक्ति मिल गई ।
मुआवजा राशि लेकर पति – पत्नी के विवाद का हुआ निष्पादन :-शादी के दो वर्ष के दौरान ही पति एवं पत्नी में तनाव हो गया और पत्नी ने पति के विरुद्ध परिवार न्यायालय में भरणपोषण का मुकदमा ले आया । दोनों परिवार अपने बेटे एवं बेटी के लिए कोर्ट में चक्कर लगाने लगें । फिर आपस मे सहमति बनीं तो सिमरन एवं खुशी ने एक निश्चित राशि का चेक लेकर पति को तलाक दे दिया और दोनों परिवार को न्यायालय में चक्कर लगाने से मुक्ति मिली ।

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