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30 दिवसीय विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला शुरु होने में 17 दिन शेष,25 जुलाई से है सावन शुरू,विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला में इस वर्ष भी मंडरा रह है कोरोना का संकट,

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30 दिवसीय विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला शुरु होने में 17 दिन शेष,25 जुलाई से है सावन शुरू,विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला में इस वर्ष भी मंडरा रह है कोरोना का संकट,संग्रामपुर।
30 दिनों तक चलने वाला विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेंला शुरु होने में महज 17 दिन ही शेष रह गये है। दो  सप्ताह पूर्व जिलाधिकारी रचना पाटिल द्वारा मुंगेर जिला सीमा में पड़ने  वाला तारापुर अनुमंडल क्षेत्र का जायजा लिया गया था। तो लोगों में श्रावणी मेला लगने की आस जगी थी। इसके बाद श्रावणी मेला पर कोई चर्चा नहीं होना। पिछले वर्ष की तरह कही इस बार भी श्रावणी मेला में कोरोना संक्रमण का संकट दिखाई देने लगा।  स्थानीय दुकानदारों में  दुकान बनाने को लेकर असमंजस में है।जिस कारण स्थानीय दुकानदार भी दुकान लगाने को लेकर दुविधा में पड़ गया है। संग्रामपुर प्रखंड के दुकानदार गोपी साह,गुलाब साह ,गोविन्दपुर के मनोहर साह, बबलू साह, कुमरसार के सुभाष साह, संजीव साह, दिवाकर यादव आदि कहते है कि इस कोरोना वायरस महामारी संक्रमण को लेकर अबतक दुकान बनाना शुरू नहीं किए है। नही तो हम लोग एक डेढ़  महिना पहले से ही दुकान बनाने का कार्य शुरू कर देते थे। मेला शुरु होने के 15 दिन पुर्व से ही बंगली बोलबंम बंंगाली  पंचांग के अनुसार पश्चिम बंगाल के शिव भक्त चलना शुरु कर देते है। पश्चिम बंगाल के शिव भक्त उसे गृष्म नवरात्रि मानते है। सावन शुरु होने से पहले ही पश्चिम बंगाल के शिव भक्त पुजा करते है।और इसे शुभ मानते है।दुकानदारों ने कहा कि हम लोग इस लिए पहले से दुकान बनाना शुुुरू कर देेेते थे। गोपी साह ने कहा कि पिछड़े बार दुकान बनाकर तैयार कर लिया था लेकिन कोरोना महामारी को लेकर विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला पर रोक लग गया इस लिए दुकान बनाने में लाखों रूपये का नुकसान हुआ था।लेेेकिन इस बार अबतक असमंजस में है।की इस बार श्रावणी मेला होगा की नही इस कारण से दुुुकान बनाना शुुुुरू नही किए है।विदित हो कि यह मेला विश्व प्रसिद्ध मेला इसलिए कहा गया है कि सावन माह में  देश विदेश के शिव भक्त पुजा अर्चना करते है । शिव भक्त कांधे पे कांवर लिए  बिहार के उत्तर वाहिनी सुलतानगंज गंगा घाट से जल भर कर 105 किलो मीटर का लंबा रास्ता पैदल नंगे पांव से  झारखंड के देवघर रावनेश्वरनाथ महादेव पर जलाभिषेक करते है।श्रावण मास का यह महिना 30 दिनों  तक चलने वाला बड़ा ही पावन महिना होता है। मुंगेर जिला अंतर्गत कमराय से कुमरसार धर्मशाला तक 26 किलोमीटर पड़ता है जिसमें संग्रामपुर प्रखंड 13 किलोमीटर कच्ची कावंरिया पथ लोढ़िया से कुमरसार तक है।विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला में एक माह पुर्व से ही धर्मशाला का रंग रोगन ,शौचालय निर्माण एवं साफ सफाई, सड़क के दोनों और झारियां का सफाई, कच्ची कावंरिया पर बालू का छिड़काव, बिजली की व्यवस्था, पानी आदि से लेकर 30 दिन तक चलने वाला सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन होता है।पिछड़े वर्ष कोरोना कोविड को लेकर श्रावणी मेला नही होने से कांवरिया पथ किनारे बने सरकारी शौचालय के पास घांस बड़ा बड़ा हो गया है।  अंचलाधिकारी स्नेहा सत्यम कहते है कि श्रावणी मेला को लेकर किसी प्रकार का सरकारी आदेश प्राप्त नही हुआ है। किसी प्रकार का आदेश मिलते ही श्रावणी मेला की तैयारी में लग जायेगी।

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