‘कोरोना का ऐसा कहर सहमा-सहमा सा हर शहर’ विचार गोष्ठी सह पुण्यतिथि का आयोजन, मुंगेर। ब्रह्मलीन बी.पी. मोदी के नवमें पुण्यतिथि के अवसर पर उनके 2 नंबर गुमटी स्थित आवास पर ‘कोरोना का ऐसा कहर सहमा-सहमा सा हर शहर’ विचार गोष्ठी सह पुण्यतिथि का आयोजन किया गया।अध्यक्षता समाजसेवी अजय प्रसाद सिंह ने की। ब्रह्मलीन बी.पी. मोदी के नवमें पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। संजय केशरी ने उन्हें श्रद्धापुष्प अर्पित करते हुए कहा कि उनका सूत्रवाक्य था ‘पराये दुख को जो समझे उसे इंसान कहते हैं’..। बी.पी. मोदी फाउंडेशन के सचिव आशुकवि सुबोध छवि ने कहा ‘कोरोना का ऐसा कहर हो गया कि सहमा-सहमा सा हर शहर हो गया…’ उन्होंने कहा कि कोरोना रूपी महामारी ने इंसानियत को आत्मचिंतन करने पर मजबूर कर दिया। कोरोना ने हमलोगों तरक्की के अंधेदौड़ में यह समझा दिया कि हमने क्या खोया और क्या पाया है। एनसीपी श्रमिक प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव राजीव शर्मा ने कहा कि कोरोना महामारी का मुकाबला पुरातन भारतीय जीवनशैली को अपनाकर ही किया जा सकता है। अध्यक्षीय संबोधन में समाजसेवी अजय प्रसाद सिंह ने ब्रह्मलीन बी.पी. मोदी को याद करते हुए कहा कि वो हमेशा सामाजिक संस्कारों को बचाये रखने पर जोर देते थे। इस अवसर पर रामविनय कुमार, केशव केशरी, सोनू सिन्हा आदि उपस्थित थे।
