मुंगेर स्पेशल रिपोर्ट

पार्श्व गायक मुकेश जयंती : ‘सब कुछ सीखा हमने न सीखी होशियारी …’ : हीरो राजन,
एक शाम मुकेश के नाम कार्यक्रम का आयोजन, 

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  पार्श्व गायक मुकेश जयंती : ‘सब कुछ सीखा हमने न सीखी होशियारी …’ हीरो राजन,
एक शाम मुकेश के नाम कार्यक्रम का आयोजन, मुंगेर।नगर के शादीपुर स्थित पीसीएमबी क्लासेज के सभागार में बफ्टा के तत्वाधान में ‘एक शाम मुकेश के नाम’ सादा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत  मशहूर तबला वादक  किशोर कुणाल ने गणेश वंदना ‘ ओम  गणपति गणपति नमः …..’ से किया । चार्ली चैपलिन 2 के रूप में प्रसिद्ध हीरो राजन कुमार ने ‘सब कुछ सीखा हमने न सीखी होशियारी …’ ‘ मेरा जूता है जापानी….’ ‘दुनिया बनाने वाले क्या तेरे मन में समायी ….’ गीत को स्वर देकर स्वर के जादूगर मुकेश को श्रद्धांजलि दी और  कहा  ‘ओ जाने वाले हो सके तो लौट के आना …..’। उन्होंने गीत के साथ साथ नृत्य की प्रस्तुति भी की। श्रोताओं ने ताली बजाकर उनका उत्साह बढ़ाया। पीसीएमबी क्लासेस की शिक्षिका आभा प्रियदर्शी ने  ‘जीना यहांं, मरना यहांं इसके सिवा जाना कहांं …. तथा ‘इक दिन बिक जाएगा माटी के मोल… ‘ गीत को स्वर दिया। अधिवक्ता  कल्पना कुमार ने मराठी में उसके जीवनी पर प्रकाश डाला और कहीं कि मुकेश की आवाज़ बहुत खूबसूरत थी। उनकी आवाज को सुनकर ही उनके एक दूर के रिश्तेदार मोतीलाल ने उन्हें  मुम्बई ले गये ।  अपने घर में रखा और रियाज़ का पूरा इन्तजाम भी दिया। पीसीएमबी क्लासेस की निर्देशिका चंद्रमुखी ने कहा कि मुकेश ने हिन्दी फ़िल्म में जो पहला गाना गाया, वह था ‘दिल जलता है तो जलने दे…..’ इसके बाद उन्होंने कई महसूस गाने को स्वर दिया । 1959 में अनाड़ी  फ़िल्म के ‘सब कुछ सीखा हमने न सीखी होशियारी’ गाने के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायन का फिल्मफेयर पुरस्कार और  1974 में  रजनीगन्धा  फ़िल्म के “कई बार यूँ भी देखा है” गाना गाने के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार मिला। कार्यक्रम में श्रोताओं ने मास्क पहनकर  सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते बैठकर आनंद उठाया। कार्यक्रम में बाहरी लोगों का प्रवेश निषेध था।  कार्यक्ररम के अंत में मुकेश के तैल चित्र पर पुष्पांजलि कर श्रद्धांजलि दी गई। धन्यवाद ज्ञापन नीतीश कुमार ने किया मौके पर राजवीर सिंह व नीरज कुमार थे।

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