हवेली खड़गपुर

बहुमत के बाद भी अविश्वास प्रस्ताव अस्वीकृत  किया जाने पर वार्ड पार्षदों ने जताया विरोध, 18 में से 10 वार्ड पार्षदों ने लाया था अविश्वास प्रस्ताव,  – साकेत कुमार की रिपोर्ट

1,180 Views

बहुमत के बाद भी अविश्वास प्रस्ताव अस्वीकृत किया जाने पर वार्ड पार्षदों ने जताया विरोध,

18 में से 10 वार्ड पार्षदों ने लाया था अविश्वास प्रस्ताव,
हवेली खड़गपुर ।
बहुमत के बाद भी हवेली खड़गपुर नगर पंचायत के मुख्य पार्षद व उप मुख्य पार्षद के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव को अस्वीकृत किए जाने से वार्ड पार्षदों ने विरोध जताया और आक्रोश व्यक्त की। वार्ड पार्षद विजय मंडल ने बताया कि बहुमत के बाद भी अविश्वास प्रस्ताव का अस्वीकृत किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है और उनके समझ से परे है। उन्होंने बताया कि विनय कुमार झा सहित 10 पार्षदों ने मुख्य पार्षद दीपा केशरी और उप मुख्य पार्षद शंभू केशरी के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाया था और आज भी 10 में 10 पार्षद गैबी मांझी, मुजीबुर रहमान, विक्रम कुमार, विनय कुमार झा, ललन कुमार, ज्योति देवी, विजय मंडल (मैं), अमित कुमार सिंह, रूबी देवी व सुनीता देवी एकजुट हैं। उन्होंने बताया कि उनकी अध्यक्षता में सदन में कार्रवाई शुरू करने के समय 17 वार्ड पार्षद सदन में उपस्थित थे। और अविश्वास प्रस्ताव पर वार्ड नंबर 6 की पार्षद राजो देवी के बहस में शामिल नहीं होने के बाद भी 2 घंटे बाद उन्हें मतदान में शामिल किया गया। जिसका सदस्यों ने विरोध किया गया पर पदाधिकारियों द्वारा नहीं माना गया। उन्होंने बताया कि अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष के 10 वार्ड पार्षदों में एक पार्षद के मत को अवैध घोषित किया गया। इसके बावजूद अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 9 मत प्राप्त हुए जबकि विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मात्र 8 मत प्राप्त हुए। उन्होंने कहा कि नगर पालिका अधिनियम 2007 की धारा 25 के उप धारा 4 के निहित प्रावधानों की गलत ढंग से व्याख्या कर अविश्वास प्रस्ताव को अस्वीकृत किया गया । जबकि नगर पालिका अधिनियम 2007 की धारा 25 के उप धारा 4 में स्पष्ट रूप से वर्णित है कि बैठक में तत् समय पदधारण करने वाले पार्षदों की संपूर्ण संख्या के बहुमत से पारित प्रस्ताव द्वारा मुख्य पार्षद/ उप मुख्य पार्षद को पद से हटाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि बहुमत में रहने के बाद भी अविश्वास प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया गया। वार्ड पार्षदों ने कहा कि उनकी एकता कायम है। सदन में पदाधिकारियों के पक्षपातपूर्ण रवैए को लेकर विधि विशेषज्ञों द्वारा सलाह ली जा रही है। मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद के विरुद्ध उनकी लड़ाई जारी रहेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *