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प्रमंडलीय आयुक्त ने की आपदा प्रबंधन को ले बैठक, लू, गर्मी एवं आगलगी से बचाव/रोकथाम को लेकर की गई चर्चा, दिए कई निर्देश,

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प्रमंडलीय आयुक्त ने की आपदा प्रबंधन को ले बैठक,

लू, गर्मी एवं आगलगी से बचाव/रोकथाम को लेकर की गई चर्चा, दिए कई निर्देश,

मुंगेर।

         प्रमंडलीय आयुक्त  संजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में  प्रमंडलीय सभागार में आने वाले दिनों में लू, गर्मी एवं आगलगी से बचाव/रोकथाम को लेकर आपदा प्रबंधन से संबंधित बैठक आयोजित हुयी। बैठक में उप निदेशक जन सम्पर्क, वन प्रमंडल पदाधिकारी मुंगेर/जमुई/बेगुसराय, प्रमंडल के सभी जिलों के सिविल सर्जन, जिला शिक्षा पदाधिकारी, समादेष्टा गृहरक्षक सह अग्निशमन, कार्यपालक अभियंता लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण प्रमंडल एवं अन्य पदाधिकारीगण  थे।

      आयुक्त ने कहा कि आने वाले गर्मी के मौसम में इस वर्ष अधिक तापमान रहने का पूर्वानुमान है। इस संदर्भ में आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा अत्यधिक गर्मी एवं लू से नागरिकों के बचाव हेतु पूर्व तैयारी का निर्देश है। गर्मी के मौसम में आगलगी की भी घटनाएं बढ़ती है। गर्मी और लू के कारण विशेष कर छोटे बच्चे अधिक प्रभावित होते है। इस स्थिति से बचाव पूर्व तैयारी के माध्यम से ही किया जा सकता है।

आयुक्त ने लू और गर्मी से बचाव के संदर्भ में विभागवार एवं जिलावार तैयारी की समीक्षा की गयी। उन्होंने सर्वप्रथम जिलावार लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग से जानकारी ली गयी कि चापाकल की अद्यतन क्या स्थिति है। लखीसराय ने बताया कि सर्वे के उपरांत चापाकल मरम्मति हेतु 716 का लक्ष्य है। वही सर्वे के अधार पर मुंगेर में 1510, बेगूसराय में 527, खगड़िया में 1135, जमुई में 2189 एवं शेखपुरा में 357 चापाकलों की मरम्मति किये जाने का लक्ष्य है। आयुक्त ने अंतिम रूप से 30 अप्रैल तक सभी जिलों में शत प्रतिशत चापाकल दुरूस्त करा लेने का निर्देश दिये गये। उन्होंने कहा कि पुनः सभी जिले इस संबंध में विस्तृत सर्वे करा लें। शिक्षा विभाग के माध्यम से सभी विद्यालयों में कितने चापाकल लगे हैं कितने कार्यरत और कितने अकार्यरत हैं प्रतिवेदन प्राप्त कर ली जाए। उन्होंने कहा कि आईसीडीएस ऑगनबाड़ी केन्द्रों जो अपने भवन में संचालित है, वहां लगे चापाकलों को उच्च प्राथमिकता देते हुए मरम्मति कार्य सुनिश्चित कराये। कहा कि कोई भी स्कूल या ऑगनबाड़ी केन्द्र जहॉ बच्चें पढ़ रहे है उसमें लगे चापाकल खराब न हो। सभी पंचायत सचिव के माध्यम से मुखिया एवं जन प्रतिनिधि से पीएचईडी के द्वारा लगाये गये चापाकलों का सत्यापन कराकर सूची प्राप्त कर ली जाय। जिलावार पीएचईडी के अन्तर्गत पानी के टैंकरों की समीक्षा की गयी। समीक्षा में लखीसराय 10, मुंगेर 18, बेगूसराय 05, जमुई 19 एवं शेखपुरा में 14 टैंकर कार्यरत रहने की जानकारी दी गयी। खगड़िया में एक भी टैंकर नहीं होने पर विभाग से समन्वय करते हुए टैंकर के उपलब्धता सुनिश्चित कराने को कहा गया। निर्देश दिया गया कि पर्याप्त संख्या में एवं रनिंग मोंड में टैंकर उपलब्ध रखें

स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा में जानकारी दी गयी कि लू के लक्षण कुप्रभाव एवं उपचार के संबंध में सभी स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया है। ओआरएस, पानी का बोतल की उपलब्धता सुनिश्चित करायी गयी है। साथ ही लू से प्रभावित व्यक्तियों के उपचार के लिए मोबाईल टीम का भी गठन किया गया है। एएनएम एवं स्वास्थ्य कर्मियों का रोस्टर तैयार कर डृयूटी लगायी गयी है। लू और गर्मी के बचाव के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। बताया गया कि सभी विद्यालयों एवं ऑगनबाड़ी केन्द्रों में ओआरएस के पॉकेट उपलब्ध कराये गये है। आयुक्त ने कहा कि छोटे बच्चों में डायरियारोधी हेतु पर्याप्त संख्या में सभी विद्यालय एवं ऑगनबाड़ी केन्द्रों में ओआरएस उपलब्ध रहे एवं सभी स्वास्थ्य केन्द्र इसके उपचार हेतु तैयार स्थिति में रखे।

आगलगी से बचाव एवं फायर फाईटिंग के लिए खगड़िया में अग्निशमन वाहनों की जिलावार उपलब्धता के संबंध में आयुक्त महोदय को अवगत कराया गया। आयुक्त ने कहा कि आगलगी घटना में कार्रवाई के लिए समय नहीं होता एवं अतएव कार्य योजना बनाकर क्षेत्रों में वाहन की प्रतिनियुक्ति करे। कृषि अवशेषों, पराली जलाने के कारण भी आगलगी की घटनाएॅ अधिक होती है। अतएव कृषि समन्वयक एवं किसान सलाहकारों केे माध्यम से इस संबंध में किसानों को जागरूक करे। क्षेत्रों में लगे ट्रांसर्फमर के नीचे बफर जोन के तहत फसल नहीं लगायी जाय। बताया गया कि एलईडी रथ नुक्कड़ नाटक एवं पम्पप्लेट के माध्यम से जन जागरूकता कार्यक्रम अग्नी से बचाव एवं रोकथाम के लिए चलाया जा रहा है।

वन प्रमंडल पदाधिकारियों से वन में आग लगने की घटनाओं के रोकथाम के संदर्भ में जानकारी दी गयी कि आधुनिक तकनीक के माध्यम से रियल टाईम में वन क्षेत्र में आग लगने की जानकारी प्राप्त होने पर तुरंत कार्रवाई की जाती है। वन सीमा क्षेत्र में किसानों द्वारा पराली या कृषि अवशेष के जलाये जाने के कारण आग लगने की संभावना रहती है। किसानों को जागरूक किया जाना जरूरी है। वहीं जमुई वन प्रमंडल पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि आदिवासी क्षेत्र में महुआ संग्रहण के कारण भी वन क्षेत्र में आग लगने की संभावना बनी रहती है। आयुक्त ने निर्देश दिया कि महुआ का संग्रहण एवं इससे शराब बनाया जाना प्रतिबंधित है। इस संबंध में छापामारी करते हुए सख्त कार्रवाई करें। मद्य निषेद्य विभाग से समन्वय कर नियमित कार्रवाई इसके रोकथाम हेतु की जाय। साथ ही पंचायती राज विभाग मद्य निषेद्य एवं पुलिस के माध्यम से इस संदर्भ में जागरूकता अभियान चलायी जाय। बेगूसराय के डीएफओ ने बताया कि गर्मी के मौसम में पक्षियों को बचाने एवं पानी पिलाये जाने के लिए लोगों को प्रशिक्षित किया गया है।

आयुक्त ने कहा कि लू, गर्मी एवं आग से बचाव एवं रोकथाम के लिए शिक्षा विभाग के माध्यम से बच्चों को जानकारी दें। साथ ही जागरूकता के द्वारा लोगों को इससे बचाव के बारे में बताएं। सभी विभाग अपने अपने कार्यांे एवं दायित्वों को ससमय पूरा करें एवं अन्य किसी विभाग से समन्वय की आवश्यकता हो तो समन्वय कर कार्रवाई करें। कृषि विभाग की काफी महत्वपूर्ण भूमिका है। हरेक बिंदु पर ध्यान रखें। उपचार के स्थान पर बचाव एवं रोकथाम बेहतर उपाय है।

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