अपराध धरहरा मुंगेर

किसान की निर्मम हत्या से क्षेत्र में दहशत व्याप्त,
धरहरा से आशीष कश्यप सुमन की रिपोर्ट :-

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किसान की निर्मम हत्या से क्षेत्र में दहशत व्याप्त,
धरहरा से आशीष कश्यप सुमन की रिपोर्ट :-

 लड़ैयाटांड़ थाना क्षेत्र के आजीमगंज पंचायत के नक्सल प्रभावित आदिवासी बाहुल्य गांव गोरैया में बुधवार की देर रात्रि एक किसान की निर्मम तरीके से हत्या की घटना को अंजाम से क्षेत्र में दहशत व्याप्त  है । मृतक की पहचान गोरैया निवासी स्वर्गीय मरवाड़ी कोड़ा का 45 वर्षीय पुत्र प्यारेलाल कोड़ा के रूप में की गई है । हत्या की दर्दनाक घटना मृतक के घर से करीब दो किलोमीटर दूर उसके बथान पर हुई।पहाड़ एवं जंगल से मृतक के बथान की दूरी महज 60 से 70 मीटर के आस-पास है। प्यारे कोड़ा किसानी कर अपने परिवार का भरण पोषण करता था। मृतक के परिजनों ने बताया कि बुधवार की रात करीब दस बजे खाना खाकर रोज की भांति प्यारे कोड़ा घर से करीब दो किलोमीटर दूर खेतों के बीच में अवस्थित अपने गाय का बथान पर सोने चला गया। गुरुवार की सुबह ग्रामीणों के द्वारा स्वजनों को हत्या की घटना की सूचना मिली। हत्या की सूचना मिलने पर स्वजनों का रो- रो कर बुरा हाल है । गांव में  भी इस दर्दनाक घटना को लेकर  मातम के साथ ही भय का माहौल व्याप्त है।

किसान का फाइल फोटो

 कहते हैं स्वजन :- 

मृतक की पत्नी फूला देवी ने बताया कि प्यारेलाल कोड़ा के साथ किसी की कोई दुश्मनी नहीं थी। पूर्व में किसी के साथ कोई विवाद होने की भी जानकारी उनको नहीं है। 

उन्होंने बताया कि पिछले माह में गांव के ही मदन कोड़ा का 12 वर्षीय पुत्र राकेश कुमार को कुछ अज्ञात अपराधियों ने हत्या करने की नियत से बंधक बनाकर राहर के खेत में ले गए था। तभी अपने माल-जाल के चारा के लिए घास काटने के लिए प्यारेलाल कोड़ा को आता देख उक्त अपराधी बच्चे को राहर खेत में बंधक अवस्था में ही छोड़ भाग निकले थे । उन्होंने बताया कि अपराधियों को शक हो गया था कि मृतक उसकी पहचान उजागर ना कर दे। इसी को लेकर अज्ञात अपराधियों ने अपनी पहचान को उजागर होने से रोकने के लिए इस हत्या की  भयावह घटना को अंजाम दे डाला।

बथान का फोटो

बोली बेटी के :-

मृतक की छोटी बेटी गीता कुमारी ने बताया कि बुधवार की रात मेरे पिता खाना खाकर खेत में अवस्थित बथान पर चले जाने के बाद वह घर के छत पर सोई हुई थी । रात के करीब ग्यारह बजे के आसपास तीन की संख्या में लोग प्यारे कोड़ा को खोजते हुए घर पर आए थे तथा चार से पांच बार मेरे पिता को  आवाज भी लगाई। ज्यादा रात होने के कारण मे डर से  दरवाजा नहीं खोली । घर से कोई जबाव नहीं मिलने के कारण उक्त सभी लोग करीब 10 से 15 मिनट तक घर के बाहर मेनगेट पर खड़े रहे फिर सभी लोग मुख्य सड़क की ओर चले गए। सभी लोग आपस में हिंदी में बातचीत कर रहे थे तथा देखने से सभी लोग गांव के नहीं लग रहे थे।

ग्रामीणों में तरह-तरह की हो रही है चर्चा :-

ग्रामीणो मे वही कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं कोई इसे पुलिस द्वारा नक्सलियों के विरुद्ध चलाए जा रहे सर्च अभियान से बौखलाकर  नक्सली द्वारा घटना को अंजाम देने की बात कह रहा है तो कोई इसे करीब एक माह पूर्व अज्ञात अपराधियों के चंगुल से गोरैया गांव के ही मदन कोड़ा का 12 वर्षीय पुत्र राकेश कुमार को मृतक द्वारा बचाए जाने की घटना से जोड़ते हुए अपराधिक घटना बता रहा है। बहरहाल जो भी हो इस दर्दनाक घटना से गौरैया गांव में दहशत व्याप्त है।

सरकार के पंचायती चुनावी बिगुल से पहले हत्या का दौर प्रारंभ ‌: आजीमगंज पंचायत में पूर्व मुखिया  मथुरा निवासी परमानंद टुड्डू को चुनावी रंजीश के कारण नक्सलियों ने तेजधार हथियार से शपथ ग्रहण से पूर्व ही  हत्या कर दी । दिवंगत मुखिया परमानंद टुड्डू की हत्या से जुड़े आधा दर्जन से अधिक  लोगों को तत्कालीन डीआईजी के निर्देश पर एसटीएफ के तेजतर्रार पदाधिकारी के अथक प्रयास से मंडल कारा मुंगेर भेजा गया । पूर्व मुखिया दिवंगत  परमानंद टुडडु के निर्मम हत्या के अभियुक्त न्यायालय द्वारा बेल बोंड  पर रिहा होकर गांव  में अपनी रणनीति बना रहे हैं । पंचायत चुनाव का चुनावी बिगुल बजने  पर दबंग लोग अपनी ताकत का एहसास कराने के लिए बुधवार की बीती रात्रि गौरैया के तेजतर्रार समाजसेवी सह किसान प्यारे कोड़ा की दर्दनाक हत्या कर एक बडी़ घटना को अंजाम देकर नक्सलियों ने फिर से पुलिस को खुली चुनौती दे डाली है । मुंगेर के डीएम नवीन कुमार एवं एस पी के  समक्ष सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के शिविर में  भी मथुरा गांव की एक महिला ने पुलिस प्रशासन से आदिवासी क्षेत्र के लोगों की सुरक्षा की गुहार लगाई थी लेकिन लडै़याटांड़ पुलिस आदिवासी बाहुल्य गौरैया एवं मथुरा गांव के लोगो को सुरक्षा देने में नाकाम साबित  हुई  जिसका जीता जागता उदाहरण है कि गौरैया गांव के विकास को लेकर चिंतित समाजसेवी किसान प्यारे कोड़ा को चुनावी रंजीश का शिकार होना पडा़ । अगर पुलिस इसी प्रकार हाथ पर हाथ धरी बैठी रही तो आजीमगंज पंचायत में पंचायत चुनाव से पूर्व कई समाजसेवी नक्सलियों एवं अपराधियों के रडार पर है । जहां अनहोनी घटना की आशंका प्रबल दिखाई पड़ रही है ।

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