प्रमंडलीय आयुक्त ने किया तीन दिवसीय प्रमंडल स्तरीय उद्यान प्रदर्शनी सह प्रतियोगिता 2023 का उद्घाटन,
मुंगेर।
तीन दिवसीय प्रमंडल स्तरीय उद्यान प्रदर्शनी सह प्रतियोगिता 2023 का उद्घाटन सोमवार को पोलो मैदान में प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार सिंह द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया।
इसके पूर्व उद्यान विभाग द्वारा आयोजित प्रमंडल स्तरीय प्रदर्श का उद्घाटन भी आयुक्त महोदय द्वारा फीता काटकर किया गया। इस मौके पर आयुक्त द्वारा लगाए गए प्रदर्श का भी जायजा लिया गया। उन्होंने प्रदर्श में लगाए गए विभिन्न किस्मों के फल, फूल, पौधे, सब्जीयों सहित अन्य उद्यान से संबंधित सामग्रियों का अवलोकन किया गया। इस मौके पर संयुक्त निदेशक शष्य रतन कुमार भगत, अपर समाहर्ता अमरेंद्र शाही, अनुमंडल पदाधिकारी सदर यतींद्र कुमार पाल, उप निदेशक उद्यान सहित कृषि विभाग के वरीय एवं प्रखंड स्तरीय पदाधिकारीगण भी थे।
आयुक्त ने प्रदर्श में उच्च कोटि के फल फूल सब्जियों की अनुभूति दर्ज कराने वाले किसानों को शुभकामानएं देते हुए कहा कि मुंगेर प्रमंडल में इस तरह के प्रदर्श का पहली बार आयोजन किया जाना निश्चित रूप से प्रशंसनीय है। इस आयोजन के माध्यम से जिले सहित प्रमंडल स्तर के किसान लाभान्वित होंगे। इसके माध्यम से आमजन तक उत्कृष्ट उत्पाद को पहंुचाना अत्यंत ही सराहनीय पहल है। किसान जैविक खेती के माध्यम से न सिर्फ अपने फसलों की पैदावार को बढ़ा सकते हैं बल्कि अपने खेतों की मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बरकरार रख सकते हैं। जैविक खेती के माध्यम से उच्च कोटि का उत्पादन किया जा सकता है।
आयुक्त ने कहा कि स्ट्राॅबबेरी की खेती के विषय में कहा जाता था कि यह सिर्फ ठंडे प्रदेशों में ही संभव है, परन्तु अब यह बिहार में भी आसानी से उत्पादित किया जा रहा है। बिहार के औरंगाबाद में सर्वप्रथम इसकी खेती शुरू की गयी थी और आज बिहार के कई जिलों में इसकी खेती से किसान लाभान्वित भी हो रहे हैं और अपनी आय भी बढ़ा रहें। प्रमंडल अन्तर्गत शेखपुरा एवं मुंगेर जिला में भी स्ट्राॅबेरी की खेती की जा रही है। उन्होंने किसानों से कहा कि जैविक खेती के लिए खुद को पे्ररित करें और रासायनिक खाद के उपयोग से बच कर न सिर्फ फसलों की क्षति बल्कि मिट्टी की उर्वरा शक्ति को भी बरकरार रखें। रासायनिक खाद के बनिस्पत जैविक खाद से उत्पादित प्रोडक्ट शरीर को भी कम हानि पहंुचाता है और फसलों के उत्पादन में भी वृद्धि लाता है।
उन्होंने कहा कि आज किसान जैविक खेती के माध्यम मशरूम, मधुमक्खी पालन, लीची, शहद आदि का भी बड़े पैमाने पर उत्पादन कर रहे हैं और स्वयं को लाभान्वित कर रहे हैं। उन्होंने किसानों से कहा कि इस तरह के प्रदर्शन का आयोजन सिर्फ और सिर्फ आप किसान भाईयों के हितार्थ ही किया गया है। इस आयोजन का लाभ उठाएं और अपने खेती और उपज में वृद्धि लाकर खुद के साथ साथ प्रदेश को भी आर्थिक रूप से सबल बनाएं। कृषि विज्ञान केंद्र के पदाधिकारियों द्वारा किसानों को जैविक उत्पाद के लिए लगातार प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इसके माध्यम से एक ऐसा प्लेटफार्म विकसित किया गया है जिसके माध्यम से आम जन को लाभान्वित होने का मौका तो मिला ही है साथ ही किसानों को अपने उत्पादन को उत्कृष्ट श्रेणी में लाने की जानकारी दी जा रही है। जैविक कृषि उत्पादों के विपणन के लिए अधिक से अधिक आउटलेट खोले जाय। जैविका कृषि उत्पादों की काफी माॅग है।
इस मौके पर उद्यान विभाग के संयुक्त निदेशक शष्य ने कहा कि पहल बार इस तरह के प्रदर्श का आयोजन किया गया है, जिसका उद्देश्य किसानों को तकनिकी रूप से भी सबल बनाना है। उद्यान में आगे बढ़ने के बहुत आसार हैं, किसान भाईयों को इसके माध्यम से प्रोत्साहित किया जा रहा है। उद्यान के माध्यम से कैश क्राॅप में भी लाभ मिलने के बहुत आसार हैं। उन्होंने कहा कि अगली बार इस आयोजन को और भी भव्य बनाए जाने की व्यवस्था की जाएगी ताकि किसानों को इसका अधिक से अधिक लाभ मिल सके।