आस्था जमालपुर

द्रविड़ शैली से रूबरू हो सकेंगे जमालपुर के लोग, महामाया शक्ति धाम मंदिर का दक्षिण भारत की तर्ज पर ही किया जा रहा है निर्माण,

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द्रविड़ शैली से रूबरू हो सकेंगे जमालपुर के लोग,

 महामाया शक्ति धाम मंदिर का दक्षिण भारत की तर्ज पर ही किया जा रहा है निर्माण,

जमालपुर।

दुर्गा पूजा को लेकर शहर के सभी समितियों द्वारा मंदिर परिसर को पंडाल एवं विद्युतीकरण कार्य कराया जा रहा है।इसी क्रम में दक्षिण भारत के मंदिरों को जिस वास्तुकला से सुसज्जित किया जाता है।उस कला को द्रविड़ शैली कहा जाता है। इस शैली से इस बार जमालपुर के लोग रूबरू होने वाले हैं क्योंकि स्थानीय मारवाड़ी धर्मशाला परिसर स्थित महामाया शक्ति धाम मंदिर को दक्षिण भारत की तर्ज पर ही निर्माण किया जा रहा है।

 100 वर्ष पुराने इस मंदिर जीर्णोद्धार पहले ही कराया जा चुका है। शहर के मध्य भाग में स्थित इस आकर्षक मंदिर में जिस प्रकार से सात सज्जा एवं विद्युतीय सजावट का काम किया जा रहा है वह अभी से शहर में चर्चा का विषय बन गया है।

 मीडिया प्रभारी राजकुमार शर्मा ने बताया कि मंदिर की साज सज्जा को लेकर लोगों के बीच ऐसी चर्चा है कि जिस प्रकार से इस मंदिर को द्रविड़ शैली से निर्माण किया गया है, वह अद्भुत है, जबकि इस कला से सुसज्जित मंदिर आसपास के जिलों में कहीं नहीं है। उन्होंने बताया कि नवरात्र में श्रद्धालुओं के लिए भी यह मंदिर खास होने वाला है,क्योंकि यहां बड़ी संख्या में भीड़ पहुँचती है। ऐसे भी यहां पूजा अर्चना के बाद माता से मांगी गई हर मुराद पूरी हो जाती है।

उन्होंने बताया कि इस बार दुर्गा पूजा के अवसर पर महामाया शक्तिधाम मंदिर परिसर को बंगाल के कारिगरों द्वारा फूलों से सजाया जाएगा।महामाया शक्ति धाम मंदिर को शारदीय नवरात्र की सप्तमी अष्टमी एवं नवमी के दिन पश्चिम बंगाल के कुशल कारीगर द्वारा फूलों से मंदिर परिसर को सजाया जाने वाला है।जिले के लिए आकर्षक का केंद्र होगा।मौके पर गिरधर शंघाई,जय शंकर शर्मा,सुजीत शंघाई,योगेश अग्रवाल,प्रकाश पंसारी,दिनेश जोशी,शिवकुमार बाजोरिया,अरविंद जालान ने बताया कि मंदिर को सुसज्जित करने के लिए दक्षिण भारत की पद्धति अपनाई गई है।यहां जयपुर से माता की प्रतिमा मंगाकर प्राण प्रतिष्ठा के साथ स्थापित किया गया है।

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