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संग्रामपुर में आंगनबाड़ी केंद्र की स्थिति दयनीय, टेक होम राशन के वितरण के दिन सीडीपीओ कार्यालय में लटका रहा ताला,

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संग्रामपुर में आंगनबाड़ी केंद्र की स्थिति दयनीय,

टेक होम राशन के वितरण के दिन सीडीपीओ कार्यालय में लटका रहा ताला,

संतोष कुमार सिंह,

  संग्रामपुर।

प्रखंड मुख्यालय स्थित बाल विकास परियोजना कार्यालय गुरुवार को 11:30 बजे बंद था। शुक्रवार को प्रखंड के ददरीजाला पंचायत अंतर्गत वार्ड संख्या 01 के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 87 में दिन के 12:00 बजे तक केंद्र में ताला लटका हुआ मिला। जबकि गुरुवार को ही प्रखंड में टेक होम राशन का वितरण भी था। सीडीपीओ कुक्कु कुमारी ने बताया कि प्रखंड समन्वयक रविकांत और लेटर डाटा इन्ट्री ऑपरेटर दीपक कुमार मुंगेर गया हुआ था। चालक लक्ष्मण राम को कार्यालय खोलकर रहना था। मैं टेटियाबम्वर में थी। उन्होंने कहा कार्यालय बंद की जांच कर कार्यवाही की जायेगी।

संग्रामपुर में आंगनबाड़ी केंद्र की स्थिति :-

शुक्रवार को प्रखंड के ददरीजाला पंचायत अंतर्गत वार्ड संख्या 01 के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 87 में दिन के 12:00 बजे जब सन्मार्ग  पहुंचा। तो देखा कि केंद्र में ताला लटका हुआ है। केंद्र पर सेविका उपस्थित नहीं थी। बाहर के बरामदे पर सहायिका बबिता कुमारी बैठी हुई थी। केंद्र पर एक भी बच्चे नहीं थे। सहायिका से जब पूछा  तो उन्होंने बताया कि बिना किसी सूचना के सेविका के द्वारा केंद्र में ताला लगाकर बच्चों को छुट्टी देकर चली गई है। इतना ही नहीं सहायिका ने बताया कि यह एक दिन की बात नहीं महीने में लगभग अधिकतर दिन ऐसा ही होता है कि समय से पहले सेविका के द्वारा केंद्र में ताला लगा कर चली जाती है। इतना ही नहीं केंद्र पर बच्चों को दिए जाने वाले पोषाहार में भी कटौती की जाती है। सेविका अपने मन के मुताबिक कभी पोषाहार घर से ही पोषाहार कभी बनाकर लाती है, तो कभी बच्चे को बिना पोषाहार के ही छुट्टी दे दिया जाता है। 

सहायिका ने सेविका पर लगाया आरोप :-

सहायिका ने सेविका पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह हमें केंद्र पर काम करने नहीं देती है। केंद्र पर खाना बनाने का काम मेरा है। जब हम केंद्र पर खाना बनाने के बाद करते हैं तो सेविका कहती है कि तुम खाना में जहर दे दोगी। सेविका ना तो हमे पोषाहार बनाने देती है। और ना ही मुझे अपना उपस्थिति पंजी में उपस्थिति दर्ज करने देती है। इसको लेकर कई बार  महिला पर्यवेक्षक से लेकर सीडीपीओ तक शिकायत की है। पर सभी ने अनसुना करते हुए कहा कि तुम केंद्र पर समय से जाओ और केंद्र पर बैठी रहो। अगर तुम्हें सेविका काम करने नहीं देती है, तो कोई बात नहीं। 

कहते हैं ग्रामीण :-

ग्रामीणों ने कहा कि सरकार द्वारा बाल विकास परियोजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों को जागरूक एवं कुपोषण मुक्त करने के लिए किए गए इस सराहनीय कार्य पर विभागीय पदाधिकारी एवं केंद्र की सेविका के द्वारा सरकार के सपनों पर पानी फेरने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि केंद्र नियमित रूप एवं सुचारु ढंग से सेविका के द्वारा नहीं चलाया जाता है। बच्चे केंद्र पर जाते हैं तो पता चलता है कि केन्द्र में ताला लगा हुआ है। पोषाहार की बात तो दूर केंद्र पर सेविका कभी एक घंटे तो कभी दो घंटे ही अपनी उपस्थिति देती है।  बाल विकास परियोजना के प्रखंड पदाधिकारी कुक्कू कुमारी ने बताया कि मामले की जांच की जाएगी। दोषी पाए जाने पर सेविका के ऊपर कार्यवाही की जाएगी।

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